चीन के जासूसी गुब्बारों (Spy Balloons) को लेकर अमेरिका ने बड़ा खुलासा किया है. अमेरिका का कहना है कि पिछले दिनों मार गिराए गए चीन के जासूसी गुब्बारे के मलबे को अटलांटिक महासागर से बरामद किया गया है. इस मलबे में जासूसी में इस्तेमाल किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक सेंसर्स शामिल हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेना के नॉर्दन कमांड ने जारी बयान में कहा कि सर्च क्रू ने घटनास्थल से मार गिराए गए गुब्बारे का मलबा हासिल किया है. इसमें सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक टुकड़े भी शामिल हैं. चीन ने बीते दिनों इस विशालकाय गुब्बारे को मार गिराया था. इस गुब्बारे को लेकर चीन ने दावा किया था कि इस गुब्बारे का इस्तेमाल मौसम से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा करने के लिए जाता था.
अमेरिका लगातार दावा करता रहा है कि जासूसी गुब्बारों की मदद से चीन कई देशों की जासूसी कर रहा है. एफबीआई गुब्बारे के इस मलबे की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह कितना सक्षम था.
चीन के इन जासूसी गुब्बारों के मिलने के बाद सुरक्षा विभाग को हाई अलर्ट कर दिया गया था. अमेरिकी एयरस्पेस में संभावित विदेशी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाले उपकरणों को लेकर चौकसी बढ़ा दी गई. इस बीच अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हालांकि, इनसे किसी तरह का सैन्य खतरा नहीं था. लेकिन इससे सिविल एविएशन को लेकर जोखिम बना हुआ है.
ऑस्टिन ने कहा कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता मलबे की जांच है ताकि पुष्टि की जा सके कि ये मलबा किस तरह का है. हम एफएए, एफबीआई और नासा सहित सभी संघीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
अमेरिका ने चीन के इस जासूसी गुब्बारे को चार फरवरी को मार गिराया था. इसके बाद अमेरिकी एयरस्पेस में ऐसे तीन और संभावित ऑब्जेक्ट दिखाई दिए थे.
बता दें कि यूएस, कनाडा और लैटिन अमेरिका के एयरस्पेस में चीन क संदिग्ध जासूसी गुब्बारा दिखाई देने के बाद हड़कंप मचा हुआ था. अमेरिकी राज्य मोंटाना के ऊपर देखे गए बैलून का आकार तीन बसों के बराबर था. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि इस स्पाई बैलून से लोगों को किसी तरह का खतरा नहीं है. लेकिन फिर भी बीते कुछ दिनों से अमेरिकी वायुक्षेत्र में देखे जा रहे इस बैलून को ट्रैक किया जा रहा था. अमेरिकी सैन्य विमानों के जरिए भी इस पर नजर रखी जा रही थी.
जिस मोटांना क्षेत्र में चीन का जासूसी गुब्बारा उड़ रहा था, वहां पर अमेरिका का एक न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र है. अमेरिकी सेना को शक था कि वो जासूसी गुब्बारा उन संवेदनशील इलाकों की ओर से गुजरेगा और कई जरूरी जानकारी चीन तक पहुंचाएगा. लेकिन क्योंकि उस गुब्बारे का आकार काफी बड़ा था, मलबा नीचे गिरने का भी डर था, इसलिए इसे गिराने का फैसला लेने में देरी हुई.