अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद जो नजारा सामने आ रहा है, उससे पूरी दुनिया हैरान है. हर कोई अफगानिस्तान के लोगों के प्रति चिंता व्यक्त कर रहा है. इस बीच चीन (China) की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अफगानिस्तान के तालिबान के साथ दोस्ताना संबंध बनाना चाहता है.
चीन के पीपुल्स डेली के मुताबिक, अफगानिस्तान में मौजूद चीनी दूतावास अभी भी काम कर रहा है. अफगानिस्तान में मौजूद कई चीनी नागरिक वापस आ चुके हैं, जबकि वहां का दूतावास हर हालात पर नज़र बनाए हुए है.
#BREAKING China says willing to develop 'friendly relations' with Afghanistan's Taliban pic.twitter.com/Xe68h9K9nn
— AFP News Agency (@AFP) August 16, 2021
चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि जो चीनी नागरिक अफगानिस्तान में रुकना चाहते हैं, उन्हें दूतावास की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी. आपको बता दें कि पाकिस्तान और चीन दो ही ऐसे देश हैं जिन्होंने अभी तक खुले तौर पर तालिबान के प्रति नरम रुख अपनाया है.
अभी कुछ दिन पहले ही चीनी विदेश मंत्री ने तालिबान के नेताओं से भी मुलाकात की थी. वहीं इसी मुलाकात के कुछ दिन के भीतर अब अफगानिस्तान पर पूरी तरह से चीन का कब्ज़ा हो गया है.
चीन से अलग अन्य देशों का क्या है रिएक्शन
इनसे इतर रूस की ओर से बयान दिया गया है कि वो भी तालिबान के संपर्क में है. रूस ने रॉयटर्स को बताया है कि उनके लोग काबुल में बात कर रहे हैं, हर तरह की चर्चा की जा रही है. बता दें कि रूस की एम्बेसी अभी भी काबुल में चालू है.
आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर अब तालिबान का राज है, जल्द ही तालिबान अपनी पूरी सरकार का गठन कर लेगा. अशरफ गनी पहले ही देश छोड़ चुके हैं और तालिबानी लड़ाके राष्ट्रपति पैलेस में घुस चुके हैं.
अब एक ओर चीन ने तालिबान के साथ दोस्ताना संबंध बनाने की बात कही है, तो ब्रिटेन पहले ही कह चुका है कि वो तालिबान को एक सरकार का दर्जा नहीं देंगे. वहीं अन्य देशों के रुख का भी इंतज़ार बाकी है.