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गुप्तांग में करंट-कोड़े से पिटाई, उइगर मुसलमानों की हालत खुद चीनी अधिकारी ने बताई!

चीन (China) में उइगर मुसलमानों (Uighur Muslims) के प्राइवेट पार्ट में करंट लगाकर क्रूरता की जाती है. महिलाओं के हाथों में हथकड़ी लगाकर उनके हाथों को बार-बार मेज पर जोर-जोर से पटका जाता है, जिससे उनके हाथ खून से सन जाते. 

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उइगर मुसलमान (सांकेतिक फोटो)
उइगर मुसलमान (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चीन में उइगर मुसलमानों की हालत दयनीय
  • पूर्व चीनी अधिकारी ने इंटरव्यू में बताई हकीकत
  • डिटेंशन सेंटर्स में दी जाती हैं यातनाएं

चीन (China) में उइगर मुसलमानों (Uighur Muslims) के साथ किस तरह का क्रूर व्यवहार हो रहा है, खुद वहां के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने इसका खुलासा किया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिन्जियांग (Xinjiang) प्रांत के डिटेंशन सेंटर्स में उइगर मुसलमानों को कई तरह की अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं. उन्हें कुर्सी में बांधकर रखा जाता है, कोड़ों से मारा जाता है, करंट के झटके दिए जाते हैं और झपकी लेने पर पिटाई की जाती है. आइए जानते हैं उइगरों पर जुल्म की कहानी.. 

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'डेली मेल' के मुताबिक, इस व्हिसलब्लोअर पूर्व चीनी अधिकारी जियांग (EX Police Officer Jiang) ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने खुद उइगरों को दिए जाने वाले भयानक टॉर्चर (Torture Uighurs) के बारे में बताया है. रिपोर्ट के मुताबिक, डिटेंशन सेंटर्स में उइगरों को टॉर्चर के लिए कुर्सी से बांध कर रखा जाता है. पुलिसकर्मी उन्हें लात-घूंसों से पीटते हैं और उनपर कोड़े बरसाते हैं. कई बार तो इस टॉर्चर में लोगों की जान तक चली जाती है.

इंटरव्यू के दौरान, जियांग ने टॉर्चर के तौर-तरीकों का प्रदर्शन कर के भी दिखाया. जिसमें उसने बताया कि डिटेंशन सेंटर्स में बंद लोगों को नींद तक नहीं लेने दिया जाता है. झपकी लेने पर उन्हें इतना मारा जाता है कि वे बेहोश जाते हैं, होश आने पर फिर वही बर्ताव किया जाता है. पीड़ितों में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी शामिल थे. 

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करंट लगाना, प्राइवेट पार्ट पर मारना!

जियांग ने बताया कि टॉर्चर में उइगरों को करंट लगाकर दर्द दिया जाता है. उनके प्राइवेट पार्ट में भी करंट लगाकर क्रूरता की जाती है. महिलाओं के हाथों में हथकड़ी लगाकर उनके हाथों को बार-बार मेज पर जोर-जोर से पटका जाता है, जिससे उनके हाथ खून से सन जाते हैं.

कौन है ये पूर्व पुलिस अधिकारी?

रिपोर्ट के मुताबिक, जिस पूर्व पुलिस अधिकारी ने यह खुलासे किए हैं, उसकी उम्र 39 साल है और वह चीन के पुलिसकर्मियों के परिवार से आता है. उसने इंटरव्यू लेने वाले शख्स को कुछ सबूत भी सौंपे हैं, जिनमें तस्वीरें, पुलिसिया टॉर्चर से जुड़े दस्तावेज और कई साल पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुलिस अधिकारियों को दिया गया एक आदेश भी शामिल है. जियांग के बताया कि चीन में छोटी-छोटी शिकायतों पर भी उइगर लोग गिरफ्तार हो जाते हैं. उन्हें कई सालों तक ऐसे ही जेलों में रखा जाता है. 

हालांकि, ये कोई पहला मौका नहीं है जब चीन पर उइगर मुसलमानों के साथ बर्बता का आरोप लगा है. इससे पहले भी चीनी कम्युनिस्ट सरकार (Chinese Communist Government) पर उइगरों से अमानवीय व्यवहार करने के आरोप लगते रहे हैं.

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