चीन और अमेरिका के बीच एक बार फिर तनातनी सामने आई है. अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा था उस दौरान ड्रैगन ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका दोनों देशों के बीच संबंधों में दखलअंदाजी न करे. अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन द्वारा कांग्रेस को भेजी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना भारत को अमेरिका के नजदीक जाने से रोकना चाहती है और इसके लिए वह सीमा (LAC) पर तनाव कम करने की हर संभव कोशिश कर रही है लेकिन इस बीच अमेरिका की दखलअंदाजी उसे पसंद नहीं आई. उसने अमेरिकी अधिकारियों को इसको लेकर चेतावनी भी दी कि वे भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप न करें. पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि साल 2021 में चीन ने सीमा पर अवैध रूप से सेना की तैनाती की और बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा. दोनों देशों के बीच बातचीन में कम प्रगति हुई क्योंकि दोनों पक्ष सीमा पर कथित लाभ खोने का विरोध करते हैं.
मई 2020 की शुरुआत में चीनी और भारतीय सेना LAC पर कंटीले तारों, डंडों के साथ संघर्ष हुआ था, जिसके परिणामस्वरूप सीमा के दोनों ओर बलों के निर्माण को गति मिली. रिपोर्ट में कहा गया है, "दोनों देशों ने एक-दूसरे की सेना को वापस लेने और गतिरोध से पहले की स्थिति में लौटने की मांग की, लेकिन न तो चीन और न ही भारत उन शर्तों पर सहमत हुए."
LAC पर लगातार तैनात रही चीनी सेना
रिपोर्ट के मुताबिक, "चीन ने भारतीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर गतिरोध को दोषी ठहराया, जिसे उसने पीआरसी क्षेत्र पर अतिक्रमण के रूप में माना, जबकि भारत ने चीन पर भारत के क्षेत्र में आक्रामक घुसपैठ शुरू करने का आरोप लगाया. 2020 की झड़प के बाद से PLA ने लगातार बल की उपस्थिति बनाए रखी है और LAC के साथ बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखा."
जून 2020 में हुई थी हिंसक झड़प
रिपोर्ट में साल 2020 की गलवान घाटी की हिंसक झड़प का भी जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया कि बीते 46 साल में दोनों देशों के बीच ये सबसे घातक संघर्ष था. 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे और चीन के भी चार सैनिक मारे गए थे.