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चीन पड़ोसियों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा: शी जिनपिंग

चीन के तेजी से हो रहे उदय को लेकर बढ़ रही चिंताओं के मद्देनजर नए नेता शी जिनपिंग ने कहा है कि उनका देश किसी पड़ोसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और न ही दूसरे देशों का खर्च बढ़ाएगा, हालांकि वह अपनी क्षेत्रीय सीमाओं से जुड़े दावों और प्रमुख हितों को लेकर दृढ़ होगा.

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शी जिनपिंग
शी जिनपिंग

चीन के तेजी से हो रहे उदय को लेकर बढ़ रही चिंताओं के मद्देनजर नए नेता शी जिनपिंग ने कहा है कि उनका देश किसी पड़ोसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और न ही दूसरे देशों का खर्च बढ़ाएगा, हालांकि वह अपनी क्षेत्रीय सीमाओं से जुड़े दावों और प्रमुख हितों को लेकर दृढ़ होगा.

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सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) का महासचिव चुने जाने के बाद विदेश नीति पर अपना पहला भाषण देते हुए जिनपिंग ने कहा, ‘चीन कभी भी दूसरे देशों के हितों की कीमत पर अपने यहां विकास को आगे नहीं बढ़ाएगा. हम कभी दूसरों की कीमत पर अपना फायदा नहीं करेगे अथवा किसी पड़ोसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.’

चीन का एशिया में कई देशों के साथ सीमा संबंधी विवाद चल रहा है. उसके तेजी से उदय को देखते हुए अमेरिका ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना ध्यान बढ़ा दिया है. सीपीसी के प्रमुख बनने के साथ जिनपिंग चीन की 23 लाख कर्मियों वाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रमुख बन जाएंगे. वह राष्ट्रपति हू जिंताओ का स्थान ले रहे हैं. जिंताओ मार्च में सेवानिवृत्त हो रहे हैं और इसके बाद जिनपिंग जिम्मेदारी संभालेंगे.

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सीपीसी की नवगठित 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो की एक बैठक में 59 साल के जिनपिंग ने कहा कि चीन अडिग होकर शांतिपूर्ण विकास को आगे बढ़ाएगा, साझा विकास पर जोर देगा, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को कायम रखेगा और वैश्विक आर्थिक शासन में भागीदारी करेगा.

जिनपिंग का यह बयान उस वक्त आया है जब चीन और उसके दूसरे पड़ोसियों के बीच सीमा संबंधी मामलों को लेकर तनाव की स्थिति है. चीन का दक्षिण पूर्व एशियाई सागर में जापान और दक्षिणी चीन सागर में कई दूसरे देशों के साथ विवाद है.

भारत के साथ उसका सीमा संबंधी विवाद है जिसका बातचीत के जरिए समाधान निकालने का प्रयास हो रहा है. जिनपिंग ने कहा, ‘हम शांतिपूर्ण विकास के मार्ग पर बने रहेंगे, लेकिन अपने वैधानिक अधिकारों को कभी छोड़ेंगे और अपने मुख्य राष्ट्रीय हितों की उपेक्षा कभी नहीं करेंगे.’

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