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प्रोटेस्ट के बाद नरम पड़े चीन के तेवर, मास टेस्टिंग और लॉकडाउन में ढील, लेकिन नहीं हटेगी जीरो कोविड पॉलिसी

चीन सरकार ने भले ही इन विरोध प्रदर्शनों और जिनपिंग के खिलाफ लग रहे नारों पर कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन सरकार के रुख में नरमी देखी जा रही है.  इसी का नतीजा है कि सरकार ने कोरोना नियमों में ढील बरती है, हालांकि जीरो कोविड पॉलिसी पर चीन अभी भी डटा हुआ है. 

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चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के विरोध में प्रदर्शन
चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के विरोध में प्रदर्शन

चीन में जीरो कोविड पॉलिसी, मास टेस्टिंग, लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों से थक चुकी जनता अब सड़कों पर उतर आई है. पिछले चार दिनों से जारी प्रदर्शन तेजी से देश के आठ बड़े शहरों तक पहुंच गया है. कुछ इलाकों में यह विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप भी ले चुका है और प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों से भिड़ते नजर आ रहे हैं. यह प्रदर्शन अब चीन की सीमा लांघकर अमेरिका सहित कई एशियाई और यूरोपीय देशों तक पहुंच गया है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के गद्दी छोड़ने और कम्युनिस्ट सरकार के सत्ता से हटने के नारे लगाए जा रहे हैं. ऐसे में चीन सरकार बैकफुट पर आती नजर आई है.

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चीन सरकार ने भले ही इन विरोध प्रदर्शनों और जिनपिंग के खिलाफ लग रहे नारों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. लेकिन सरकार के रुख में नरमी साफतौर पर देखी जा सकती है. इसी का नतीजा है कि सरकार कोरोना नियमों में ढील दे रहा है लेकिन जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर उसका रुख पहले जैसा ही है. 

बीजिंग में कोरोना प्रतिबंधों में ढील

चीन में कोविड को लेकर लोगों के गुस्से से बैकफुट पर आई सरकार ने कोरोना प्रतिबंधों में कुछ ढील देने का ऐलान किया है. लेकिन सरकार ने दो टूक कहा है कि जीरो कोविड पॉलिसी बरकरार रहेगी. बीजिंग प्रशासन अब उन अपार्टमेंट्स को ब्लॉक नहीं करेगा, जहां कोरोना संक्रमण पाया जाएगा. गुआंग्झू में भी इसी तरह की ढील दी गई है.

बीजिंग प्रशासन का कहना है कि कोरोना की वजह से सील किए गए अपार्टमेंट्स में आवाजाही को रोकने के लिए लगाए गए गेट अब हटा दिए जाएंगे. 

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एक अधिकारी ने बताया कि मेडिकल ट्रांसपोर्टेशन, इमरजेंसी सेवाओं और बचावकार्यों के लिए अवरुद्ध किए गए रास्तों को खोला जाएगा. 

बता दें कि बीते शुक्रवार को चीन के उरूमकी में 21 मंजिला एक इमारत में भीषण आग लग गई थी, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी. ऐसा कहा गया कि जिस इमारत में आग लगी थी, उसे कोरोना की वजह से सील कर दिया गया था. यही कारण था कि इमारत में फंसे लोगों को बाहर निकलने में काफी मशक्कत करनी पड़ी और इसी का नतीजा था कि दस लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोड़ना पड़ा.

शिनजियांग में मास टेस्टिंग नहीं

चीन में कोरोना की नई लहर का हॉटस्पॉट बनकर उभरे शिनजियांग में भी सरकार ने कुछ ढील बरती है. एक अधिकारी का कहना है कि यहां के कुछ स्थानीय लोगों को अब मास टेस्टिंग की जरूरत नहीं है.  

शिनजियांग में कम जोखिम वाले क्षेत्रों में बाजार और अन्य कारोबारों को इस हफ्ते से दोबारा खोल दिया जाएगा. इसके साथ ही सार्वजनिक बस सेवा भी फिर से शुरू की जाएगी.

हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों का आंकड़ा नहीं

ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. लेकिन कितने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. इसका अभी तक कोई आंकड़ा सामने नहीं आ पाया है. 
सरकार के तेवर नरम पड़े.

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क्या है जीरो कोविड पॉलिसी?

चीन की विवादित जीरो कोविड पॉलिसी कोरोना संक्रमितों को अलग-थलग करने की प्रक्रिया है. इस पॉलिसी के तहत किसी इलाके में कोरोना का एक भी केस मिलने पर उस पूरे इलाके को सील कर दिया जाता है. चीन में ऐसे कई इलाके हैं, जहां कोरोना का एक केस मिलने पर प्रशासन ने उस पूरे इलाके को सील कर दिया है, जिस वजह से लोग कई महीनों से घर की चारदीवारी से बाहर नहीं निकल पाए हैं. ऐसे में उन्हें भोजन और मेडिकल जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए जूझना पड़ रहा है. 

चीन में लगातार उग्र हो रहा प्रदर्शन

चीन में बेहद कड़ी जीरो कोविड पॉलिसी के बावजूद कोरोना के लगातार बढ़ रहे रिकॉर्ड मामलों ने सरकार की सांसें थमा दी हैं. ऐसे में लोग सरकार की इस  पॉलिसी के खिलाफ खड़े हो गए हैं. कई बड़े शहरों में सरकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. शंघाई में बीते रविवार रात को हजारों प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई. 

शिनझियांग के उरूमकी से शुरू हुआ यह प्रदर्शन, शंघाई, बीजिंग के अलावा गुआंग्झू और चेंग्दू जैसे शहरों में हो रहे हैं. यह प्रदर्शन बड़ी तेजी से अन्य राज्यों और शहरों में भी फैल रहा है. 

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