लद्दाख में LAC पर गलवान घाटी में चीन से हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद अमेरिका भारत के समर्थन में आ गया है. एक अमेरिकी नेता ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में चीन की हालिया आक्रामकता उसके पड़ोसियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य उकसावे का हिस्सा है. अमेरिका शांतिपूर्ण राष्ट्रों को अकारण डराने और सैन्य कार्रवाई को लेकर चीन के साथ खड़ा नहीं होगा. यह बात अमेरिका के प्रभावशाली नेता टेड योहो ने कही है.
अमेरिकी नेता टेड योहो ने कहा है कि दुनिया को एक साथ आने और चीन से यह कहने का समय है कि अब बस बहुत हुआ. टेड योहो ने शुक्रवार को कहा, 'भारत के खिलाफ कार्रवाई चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की कोरोना महामारी को लेकर भ्रम पैदा करने की बड़ी परिपाटी का हिस्सा है. हांगकांग, ताइवान और वियतनाम सहित चीन की अपने पड़ोसी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सैन्य उकसावा कर कोरोना महामारी को ढकने की प्रवृत्ति है.'
ये भी पढ़ें-अमेरिका ने वीजा पर लगाई पाबंदी तो चीन बोला- हांगकांग में कड़ा करेंगे कानून
रिपब्लिकन नेता ने ट्वीट किया, अमेरिका शांतिपूर्ण राष्ट्रों को अकारण डराने और उनके खिलाफ सैन्य कार्रवाई को लेकर समर्थन नहीं करेगा. टेड योहो ने कहा, 'दुनिया को एक साथ आने और चीन से यह कहने का समय है कि अब बस बहुत हुआ.'
The #UnitedStates will not stand for unprovoked, premeditated military action for the purpose of antagonizing & intimidating peaceful nations into submission. Now is the time for the world to come together & tell #China that enough is enough.
— Ted Yoho (@RepTedYoho) June 26, 2020
इससे पहले, प्रतिनिधि सभा में सबसे लंबे समय तक सेवारत रहे भारतीय-अमेरिकी सांसद डॉ. अमी बेरा ने भारतीय सीमा पर चीनी हमले को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी. डॉ. अमी बेरा ने ट्वीट किया, 'मैं बल का प्रयोग करने के बजाय चीन को भारत के साथ अपने कूटनीतिक तंत्र का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं ताकि सीमा संबंधी मुद्दों को सुलझाया जा सके.'
ये भी पढ़ें-चीन में भारत के राजदूत की खरी-खरी, बीजिंग तय कर ले संबंधों को किधर ले जाना चाहता है
एशिया को लेकर गठित सदन की विदेश उपसमिति के अध्यक्ष के रूप में अमी बेरा ने कहा था कि, "वह भारत के साथ सीमा पर जारी चीनी हमले से चिंतित हैं." उन्होंने कहा. "हालांकि यह चीन और भारत के बीच का मामला है, लेकिन यह मेरा विचार है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के दोनों ओर सैन्य बल बढ़ाना प्रतिघातक और अकारण होगा."
बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचौक और दौलत बेग ओल्डी में सीमा को लेकर गतिरोध बना हुआ है.