चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को कहा कि हमारा तेज आर्थिक विकास शेष एशिया और विश्व के लिए विकास के अवसर सृजित करेगा. चीन का तेज आर्थिक विकास सबके हित में है.
बोएओ फोरम फॉर एशिया (बीएफए) के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन मौके पर चीनी राष्ट्रपति ने कहा, चीन शेष एशिया और विश्व दोनों में विकास और समृद्धि को पूरी ताकत के साथ बढ़ावा देगा.
समचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, हाल ही में राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग ने कहा, 'जितना अधिक चीन उन्नति करेगा, उतने अधिक विकास के मौके वह शेष एशिया और विश्व के लिए सृजित करेगा.'
राष्ट्रपति जिनपिंग के मुताबिक, आने वाले पांच वर्षो में देश का निर्यात लगभग 10 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा और इससे विदेशों में होने वाला निवेश बढ़कर 500 बिलियन डॉलर हो जाएगा. उनके मुताबिक विदेशी पर्यटन स्थलों की सैर को जाने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़कर 40 करोड़ हो सकती है.
वहीं जिनपिंग ने चेताया, वैश्विक अर्थव्यवस्था गहरे पुर्नव्यवस्थापन के दौर में प्रवेश कर चुकी है और इससे मिलने वाले लाभ पर रहस्य का आवरण बना हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय क्षेत्र जोखिम से भरा हुआ है और संरक्षणवाद जोरों पर है.
शी जिनपिंग ने कहा कि चीन तनावपूर्ण संबंधों वालों देशों के साथ मतभेद सुलझाने और टकराव टालने का प्रयास लगातार जारी रखेगा.
उन्होंने कहा, 'अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखते हुए चीन पूरे क्षेत्र में स्थायित्व और पूरी तरह शांति बनाए रखने के साथ अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेगा.'
जिनपिंग ने कहा, 'सभी देशों को, चाहे बड़े हों या छोटे, मजबूत हों या कमजोर, धनी हो या गरीब, शांति कायम रखने और बढ़ावा देने में अपना योग देना चाहिए.' उन्होंने कहा कि अपने हितों की पूर्ति के लिए क्षेत्र में अराजकता फैलाने की इजाजत किसी को नहीं दी जानी चाहिए.
जिनपिंग के मुताबिक, महत्वपूर्ण है कि सभी देश अपने संबंधों के बेहतर विकास से जुड़े भारी हितों को ध्यान में रखकर अपने मतभेदों को वार्ता के जरिए सुलझाएं.
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, 'चीन वर्चस्व अथवा विस्तारवाद को कभी बढ़ावा नहीं देगा.' अपने भाषण में जिनपिंग ने एशियाई देशों को अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप बेहतर सहयोग और विकास के रास्ते तलाशने को कहा.
जिनपिंग ने कहा कि एशिया को पारस्परिक समझदारी को बढ़ावा देने, आम राय बनाने और समृद्ध सहयोग की जरूरत है ताकि विभिन्न देशों के हितों में संतुलन बना रहे.