एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक चीन ने भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) के कई कम्प्यूटरों को हैक कर सुरक्षा और मिसाइल कार्यक्रमों से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियों को चुरा लिया है. हैकरों ने रक्षा मामलों सम्बन्धी निर्णय लेने वाली सर्वोच्च समिति, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की हजारों फाइलों, मिसाइल विकास प्रोग्राम सहित भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान के हैदराबाद स्थित लैब में भी सेंध लगाईं है.
हैकरों ने डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी के इमेल आईडी को हैक कर लिया. सुरक्षा विशेषज्ञों ने हैकिंग के तरीके का पता लगा लिया है. सूत्रों के मुताबिक चीन द्वारा किए गए इस लीक के बारे में मार्च के पहले सप्ताह में ही पता चल गया था. लीक की गई सभी फाइलें चीन के गुआंगडोंग प्रांत के सर्वर पर अपलोड की गई हैं.
गौरतलब है कि हाल ही में सामने आए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के बाद रक्षा मंत्री ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से रक्षा उपकरणों की खरीद और उत्पादन की नीतियों में बड़े बदलाव के लिए कहा ताकि इनके लिए विदेश से आयात पर निर्भरता कम हो. दूसरी ओर सरकार ने डीआरडीओ चीफ वी के सारस्वत का कार्यकाल नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. वे इस साल मई में रिटायर होने वाले हैं.
रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के अधीन काम करता है. डीआरडीओ रक्षा प्रणालियों के डिजाइन एवं विकास के लिए समर्पित है और यह तीनो रक्षा सेवाओं की आवश्यकताओं के अनुसार विश्व स्तर के हथियार प्रणालियों और उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है.
भारत, संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी रक्षा कंपनियों समेत दुनिया भर के कई ठिकानों पर हुए सबसे बड़े साइबर हमलों में चीन का हाथ रहा है. ‘मैक्एफी’ के रिपोर्ट के मुताबिक 2011 में चीन ने पांच वर्षों के दौरान भारत, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, आसियान, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और विश्व डोपिंग निरोधी एजेंसी सहित 72 बड़े संगठनों को निशाना बनाया है.
गौरतलब है कि बीजिंग से 25 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित शियांगशान की शांत पहाडिय़ों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के थर्ड डिपार्टमेंट का मुख्यालय है, जिसे भारतीय खुफिया अधिकारी डिजिटल ड्रैगन कहते हैं. यह चीन के विश्वव्यापी साइबर युद्ध अभियान का मुख्यालय है. इस परिसर में चल रहे अभियान में दो देश निशाने पर हैं: अमेरिका (जिसे चीन अपना साझीदार और प्रतिस्पर्धी, दोनों मानता है) और चीन का पारंपरिक एशियाई प्रतिद्वंद्वी भारत. इस अभियान में कई मोर्चों से लगातार सूचनाएं मंगाई जा रही हैं, जिनमें कारोबार, बिजली, पानी और यातायात सेवाओं से जुड़ी सूचनाएं भी हैं. यहां संभावित सैन्य टकराव की तैयारी चल रही है.
हाल ही में चीन ने मंगलवार को अपने रक्षा बजट में इजाफा किया . चीन ने 10.7 प्रतिशत का इजाफा कर अपने रक्षा बजट को 115.7 अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया जो भारत के रक्षा बजट 37.4 अरब अमेरिकी डॉलर से कहीं ज्यादा है. हाल ही में चीन ने अपने रक्षा बजट में इजाफा किया. चीन ने 10.7 प्रतिशत का इजाफा कर अपने रक्षा बजट को 115.7 अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया जो भारत के रक्षा बजट 37.4 अरब अमेरिकी डॉलर से कहीं ज्यादा है. अमेरिका के खुफिया प्रमुख ने कहा है कि भारत और चीन की ओर से सैन्य क्षमता को बढ़ाने के कारण परस्पर संदेह को बल मिल रहा है.