चीन की सरकारी मीडिया ने कहा है कि भारत ने गोवा ब्रिक्स-बिम्सटेक सम्मेलन में पाकिस्तान की छवि क्षेत्रीय परित्यक्त देश की बनाकर उसे हाशिए पर डाल दिया है. इस सम्मेलन में भारत ने खुद को एक पाक साफ देश के तौर पर पेश करते हुए एनएसजी की सदस्यता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की है.
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया है कि भारत-पाक तनाव की असहज पृष्ठभूमि को देखते हुए भारत द्वारा बिम्सटेक का समावेश अपने आप में कहीं अधिक भू-रणनीतिक निहितार्थ लिए हुए है. भारत ने पाकिस्तान के अलावा सभी देशों को आमंत्रित करके दरअसल पाकिस्तान को एक क्षेत्रीय परित्यक्त बना दिया.
उरी हमले के बाद इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में शिरकत न करने के भारत के फैसले का उल्लेख करते हुए अखबार ने कहा कि सार्क सम्मेलन के रद्द हो जाने के बाद भारत को क्षेत्रीय समूह पर इस्लामाबाद का कोई भी प्रभाव पड़ने देने से रोकने का एक दुर्लभ अवसर मिला, क्योंकि यही समूह जल्दी ही पाकिस्तान की अनुपस्थिति में गोवा में एकत्र हो रहा था. लेख में कहा गया कि गोवा शिखर सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक भारत के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सफल रहा.
लेख में कहा गया, ‘गोवा सम्मेलन और इससे पहले हुए सम्मेलनों में एक बड़ा अंतर यह है कि नई दिल्ली ने बिम्सटेक को ब्रिक्स की बैठक के साथ आयोजित किया.’ अखबार ने कहा कि क्षेत्रीय देशों- बांग्लादेश, श्रीलंका, थाइलैंड, म्यांमा, नेपाल और भूटान- को ब्रिक्स की उभरती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ लाकर भारत ने निष्क्रिय संगठन में वैधता और अस्तित्व की जान फूंक दी है.