दक्षिण चीन सागर (South China sea) इलाके में एक बड़ा हादसा होने से उस समय टल गया, जब अमेरिकी एयरफोर्स का विमान चीन के मिलिट्री प्लेन से भिड़ने से बाल-बाल बच गया. दोनों विमानों के बीच महज 10 फीट दूरी रह गई थी. अमेरिका का कहना है कि अगर समय से उनका पायलट विमान को नहीं बचाता तो बड़ा हादसा हो सकता था. इसके साथ ही अमेरिका ने चीन को चेतावनी भी दी है.
गुरुवार को अमेरिकी मिलिट्री ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, पिछले सप्ताह दक्षिण चीन सागर में एक चीनी मिलिट्री प्लेन यूएस एयरफोर्स एयरक्राफ्ट के इतने पास आ गया कि दोनों के बीच सिर्फ 10 फीट का फासला रह गया. इसी वजह से अमेरिकी फाइटर जेट के पायलट को इंटरनेशनल एयर स्पेस में हादसे से बचने के लिए तुरंत एक्शन लेते हुए वहां से अलग होना पड़ा.
अमेरिका ने कहा है कि चीनी मिलिट्री एयक्राफ्ट का इतना करीब आना काफी खतरनाक था. यूएस मिलिट्री ने बताया कि यह घटना 21 दिसंबर की है, जिस समय चीनी नेवी जे-11 फाइटर जेट और एक यूएस एयरफोर्स आरसी-135 एयरक्राफ्ट आसमान में उड़ान भर रहे थे.
अमेरिका ने चीन को इस हरकत पर चेताया
अमेरिका की ओर से बयान में आगे कहा गया कि, '' हम आशा करते हैं कि इंडो पेसिफिक क्षेत्र में इंटरनेशनल एयरस्पेस का सभी देश सुरक्षित तरह से और अंतराष्ट्रीय कानून के अनुसार इस्तेमाल करें.
यूएस मिलिट्री के प्रवक्ता ने आगे कहा कि चीनी विमान अमेरिकी जेट के विंग के 10 फीट पास तक आ गया था. हालांकि, दोनों के फ्रंट साइट में 20 फीट का गैप था.
चीन की ओर से नहीं मिली कोई प्रतिक्रिया
वहीं एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे पर चीन सरकार से बात की गई है. लेकिन अमेरिका में चीनी दूतावास की ओर से इस मामले में अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. हालांकि, चीन अक्सर इन मामलो में प्रतिक्रिया देने से बचता नजर आता है. पहले भी ऐसी घटनाओं पर चीन ने काफी कम प्रतिक्रियाएं दी हैं.
साल 2001 में चीनी विमान की टक्कर
दक्षिण सागर चीन में चीन अक्सर अपनी दादागिरी दिखाता आया है. चीन पूरे इलाके पर अपना दावा करता है. वर्तमान की घटना से पहले भी चीन दक्षिण सागर में अमेरिका और अन्य देशों के सैन्य विमानों को चुनौती देता रहा है. साल 2001 में ही इसी तरह चीन के विमान की एक अन्य विमान से उड़ते हुए टक्कर हो गई थी, जिसकी वजह से विमान नष्ट हो गया था और पायलट की भी मौत हो गई थी.
चीन और अमेरिका में सबकुछ लंबे समय से ठीक नहीं!
पिछले काफी समय चीन और अमेरिका के संबंध ज्यादा ठीक नहीं है. दोनों देशों में हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है. खासतौर पर ताइवान मुद्दे को लेकर दोनों देश एक दूसरे से भिड़ चुके हैं.
रूस और यूक्रेन युद्ध में भी जहां अमेरिका खुलेआम यूक्रेन के साथ है तो वहीं चीन रूस की मदद कर रहा है. इस युद्ध में दोनों देशों की अलग विचारधारा से यह साबित हो गया कि जल्द ही दोनों देशों के रिश्ते मधुर नहीं होने जा रहे हैं.