चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर बुधवार को सऊदी अरब पहुंच रहे हैं. वह इस दौरान चीन-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की बैठक में भी शामिल होंगे. हालांकि, अभी तक जिनपिंग के सऊदी अरब दौरे की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
सऊदी अरब की मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग बुधवार को विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश सऊदी अरब के दौरे पर पहुंचेंगे. इस दौरान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान उनकी मेजबानी करेंगे. जिनपिंग सऊदी किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.
जीसीसी बैठक में शिरकत करेंगे
शी जिनपिंग जीसीसी के छह सदस्य देशों के प्रमुखों के साथ बैठक में शिरकत करेंगे. जीसीसी एक क्षेत्रीय, अंतरसरकारी, राजनीतिक और आर्थिक संगठन है जिसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.
जिनपिंग का सऊदी अरब का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब सऊदी अरब और अमेरिका के बीच एनर्जी पॉलिसी से लेकर क्षेत्रीय सुरक्षा और मानवाधिकार मामलों को लेकर तनाव चरम पर है.
उनका यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान के बाद हो रहा है, जिसमें बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका, मिडिल ईस्ट पर चीन की पैठ नहीं बनने देगा. उन्होंने कहा था कि हम मिडिल ईस्ट से नहीं जाएंगे और चीन, रूस और ईरान को यहां पैठ नहीं बनाने देंगे.
अमेरिका की चीन, सऊदी अरब से तनातनी
शी जिनपिंग का सऊदी अरब दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका का चीन और सऊदी अरब के साथ तनाव चरम पर है. ऐसा माना जा रहा है कि जिनपिंग अमेरिका के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए सऊदी अरब जा रहे हैं. वह वहां अमेरिका के खिलाफ जीसीसी सदस्य देशों का समर्थन जुटाने की पुरजोर कोशिश करेंगे.
तेल के उत्पादन को लेकर अमेरिका और सऊदी अरब के बीच कहासुनी से सभी वाकिफ हैं. इस साल अक्टूबर में ओपेक प्लस देशों ने वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए प्रतिदिन की दर से तेल के उत्पादन में 20 लाख बैरल की कटौती की थी. अमेरिका के विरोध के बावजूद यह फैसला लिया गया था.
चीन में सरकार के विरोध में लगातार बढ़ रहे प्रदर्शनों के बीच जिनपिंग सऊदी अरब जा रहे हैं. चीन में जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी का पुरजोर विरोध हो रहा है.