संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में नए वीकेंड को लेकर जहां एक तरफ मुसलमान नाराज हैं. वहीं, दूसरी तरफ वहां रहने वाले विदेशी, खासकर ईसाई काफी खुश हैं. ईसाई इस नए वीकेंड के कारण अब ईसाई धर्म के पवित्र दिन यानी रविवार को चर्च में प्रार्थना कर पा रहे हैं. पहले यूएई में वीकेंड शुक्रवार और शनिवार को होता था लेकिन अब इसे बदल कर ढाई दिन का कर दिया गया है. यूएई में अब वीकेंड शुक्रवार की दोपहर से शुरू होकर रविवार तक चलता है.
यूएई के कई मुसलमान इस नई व्यवस्था से खुश नहीं हैं. उनका कहना है कि हमेशा से चले आ रहे वीकेंड को बदल दिया गया है. इसके हिसाब से उन्हें खुद को तैयार करने में परेशानी आ रही है. खाड़ी के मुस्लिम देशों में शुक्रवार की नमाज को ध्यान में रखते हुए वीकेंड शुक्रवार से शुरू होता है और यही व्यवस्था यूएई में भी थी लेकिन अब लोगों को शुक्रवार के दिन भी आधे दिन काम करना पड़ रहा है जिससे वो नाखुश हैं.
नए वीकेंड को लेकर क्या बोला यूएई का ईसाई समुदाय?
यूएई में रहने वाले ईसाई जब अपने देश में थे तब वो रविवार की प्रार्थना के लिए चर्च जाते थे. लेकिन यूएई में आने के बाद उन्हें इनमें बदलाव करना पड़ा था. यूएई में रहते हुए वो चर्च तो जाते थे लेकिन रविवार के बजाए शुक्रवार को. लेकिन अब नए वीकेंड के कारण वो पवित्र रविवार को चर्च जा पा रहे हैं जिससे वो काफी खुश हैं.
फिलीपींस के रहने वाले शेरोन मे सालजार पिछले नौ वर्षों से सेंट मैरी चर्च में शुक्रवार को प्रार्थना के लिए जाते थे. खलीज टाइम्स से बात करते हुए वो बताते हैं, 'जब मैं यूएई में नया था तो इस नए वीकेंड के साथ एडजस्ट करना काफी मुश्किल था. मैं कैथोलिक परिवार में पला बढ़ा, इसलिए संडे मास प्रेयर हमेशा मेरे लिए विशेष रहा है, लेकिन अपने काम के कारण, मैं वर्षों तक इसमें हिस्सा नहीं ले सका.'
उन्होंने आगे कहा, 'इस साल जब नए वीकेंड की शुरुआत हुई तो मुझे बड़ी राहत मिली. रविवार को बाइबल का उपदेश अब मैं सुन पा रहा हूं और मुझे यहां घर जैसा महसूस होता है.'
दुबई में इंजीनियर रॉबर्टो प्राडो भी नए वीकेंड को लेकर काफी खुश हैं. वो कहते हैं कि जिस परंपरा को निभाते हुए वो बड़े हुए अब उसे वो फिर से शुरू कर रहे हैं.
उन्होंने बताया, 'जब हम फिलीपींस में थे तब रविवार को नियम था कि परिवार के सभी लोग एक साथ वक्त बिताएंगे और वो दिन चर्च जाए बगैर पूरा नहीं होता था. लेकिन जब 15 साल पहले हम यूएई में रहने लगे तब रविवार का ये नियम शुक्रवार या शनिवार को निभाना पड़ता था. हम नए वीकेंड को लेकर दिल से आभारी हैं.'
यूएई के चर्च भी अब रविवार के दिन की भीड़ को देखते हुए अपना काम कर रहे हैं. दुबई के सेंट मैरी चर्च में पादरी फादर लेनी जे ए कोनली ने बताया कि पहले रविवार को मास प्रेयर में हिस्सा लेने वालों की संख्या 1,000 से 2,500 के बीच होती थी. लेकिन इस साल 2 जनवरी से, नए वीकेंड शुरू होने के बाद ये आंकड़े 10,000 से 15,000 तक पहुंच गए हैं. अधिकांश लोग शनिवार के बजाय रविवार को चर्च आते हैं.
फादर लेनी ने कहा, 'निवासी रविवार को अपने परिवार और दोस्तों के साथ चर्च आकर खुश हैं, क्योंकि ये हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है.'
कई मुस्लिम नहीं हैं खुश
यूएई ने खाड़ी देशों से प्रतिस्पर्धा को देखते हुए वेस्टर्न स्टाइल के वीकेंड को अपनाया है. पिछले साल दिसंबर में यूएई की सरकार ने इसकी घोषणा की थी. सरकार ने कहा था कि कर्मचारियों की उत्पादकता को बढ़ाने और वर्क लाइफ बैलेंस को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया गया है.
लेकिन सरकार के इस फैसले से कई मुस्लिम नाराज हैं. शुक्रवार को छुट्टी रहने से पहले लोग आसानी से नमाज अदा करने जा पाते थे. इसके अलावा, मध्य-पूर्व के कई और इस्लामिक देशों में भी शुक्रवार और शनिवार को ही छुट्टी होती है. ऐसे में वहां की कंपनियों से व्यापार होने की वजह से कई लोगों को शुक्रवार को भी काम करना पड़ रहा है. लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा भी जाहिर किया है. एक यूजर ने लिखा, 'ये बहुत गलत लग रहा है. मेरा शरीर और दिमाग शुक्रवार की छुट्टी के लिए पूरी तरह से अभ्यस्त हो गया है.'
कुलसुम नाम के एक यूजर ने लिखा, 'यूएई के बारे में एक बात जो मुझे अच्छी लगती है, वो है शुक्रवार के दिन वीकेंड होना. इसे बदल क्यों रहे हो?'