देश ही नहीं विदेशी धरती पर भी नागरिकता कानून का लगातार विरोध हो रहा है. कनाडा के टोरंटो शहर में भी सीएए के खिलाफ लोगों ने अपनी आवाज उठाई. 20 दिसंबर को वहां रह रहे कई भारतीय महावाणिज्य दूतावास के बाहर तख्ती लिए इस नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आए.
विरोध प्रदर्शन की जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें भारतीयों को न बांटने की अपील की गई थी. एक तख्ती में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की भी निंदा की गई थी. प्रदर्शन के दौरान की एक अन्य तस्वीर में एक व्यक्ति ने जो तख्ती ले रखी थी उसमें बीजेपी सरकार की तुलना ब्रिटिश राज से की गई थी.
CAA LIVE: नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में विरोध, यूपी में अब तक 15 की मौत
उस तख्ती में ब्रिटिश राज में सन 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड की तुलना 2019 में मोदी सरकार के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हुए लाठीचार्ज से की गई है. प्रदर्शन में युवाओं के अलावा तमाम महिलाएं भी शामिल थीं.
कनाडा में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र थे शामिल
जानकारी के मुताबिक यह प्रदर्शन टोरंटो के 365 ब्लोर सेंट में भारत के महावाणिज्य दूतावास के बाहर आयोजित किया गया था. इस विरोध प्रदर्शन में बड़े पैमाने पर वे भारतीय छात्र शामिल थे जो कनाडा में अध्ययन करने गए थे. यह विरोध प्रदर्शन 20 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच हुआ. प्रदर्शन के दौरान भारत के संविधान की प्रस्तावना को जोर-जोर से पढ़ा भी गया. यह विरोध प्रदर्शन बहुत ही शांतिपूर्ण था.
देश भर में हो रहा है विरोध
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन का दौर जारी है. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ने आज बंद का आह्वान किया है. बंद समर्थक जगह-जगह ट्रेनें रोक रहे हैं. अररिया में आरजेडी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर जोगबनी से कटिहार जा रही एक ट्रेन को रोक दिया. इधर यूपी में आगजनी-हिंसा करने वाले 10000 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. यूपी में अब हिंसा करने वाले उपद्रवियों से ही क्षतिपूर्ति की जाने की तैयारी है. यूपी में भड़की हिंसा में अबतक 15 लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में 62 प्रतिशत लोग सीएए के समर्थन में
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर मचे बवाल के बीच हुए एक सर्वे में बड़ी संख्या में लोगों ने सीएए को समर्थन किया है. इस सर्वे में देश के 62 प्रतिशत लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का समर्थन किया है. वहीं असम के 68 प्रतिशत लोग इस कानून के खिलाफ हैं. आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण में शनिवार को इस बात की जानकारी सामने आई.
देशभर में 3 हजार नागरिकों में 17 से 19 दिसंबर के बीच कराए गए स्नैप पोल में नमूने के तौर पर सबसे अधिक लोग 500 असम से लिए गए थे, जिसमें पूर्वोत्तर व मुस्लिम समुदाय के लोग समान रूप से मौजूद रहे. रिपोर्ट के अनुसार देशभर के 62.1 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वह सीएए के समर्थन में हैं, जबकि 36.8 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वह इसके विरोध में हैं.