यहूदियों का नव वर्ष शुरू होने से ठीक पहले यरूशलम के अल..अक्सा मस्जिद परिसर में फलस्तीनियों और इस्राइल की पुलिस में संघर्ष हो गया. इस्राइल के रक्षा मंत्री मोशे यालून ने पिछले हफ्ते दो मुस्लिम समूहों को गैर कानूनी करार दिया था जिनका परिसर में आने वाले यहूदी लोगों से टकराव हुआ था. यह परिसर दोनों धर्मों के लिए पवित्र स्थल है.
फलस्तीन के प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिस मस्जिद में घुसी और तोड़फाड़ की. यह मुसलमानों का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. पुलिस ने इतना ही बताया कि पथराव रोकने, आगजनी करने वाले और दूसरी वस्तुएं फेंकने वाले दंगाइयों को रोकने के लिए उसने मस्जिद के दरवाजे बंद कर दिए.
पुलिस के मुताबिक दंगाइयों ने रात में मस्जिद में बैरीकेडिंग कर दी ताकि वहां शाम से शुरू हो रहे यहूदी लोगों के नव वर्ष पर वे वहां नहीं आ सकें. पुलिस ने बयान जारी कर कहा, ‘मस्जिद के अंदर से नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर और पटाखे फेंके. मस्जिद के प्रवेश द्वार पर देसी विस्फोटकों से भरे संदिग्ध पाइप भी मिले.’
वहीं फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अल..अक्सा मस्जिद में इस्राइली अधिकारियों की कार्रवाई को ‘हमला’ बताते हुए इसकी निंदा की. उनके कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘राष्ट्रपति अल..अक्सा मस्जिद पर सेना और पुलिस के हमले की और वहां मौजूद लोगों के प्रति आक्रामकता की कड़ी निंदा करते हैं.'