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बाइडेन जा रहे Saudi Arabia, फिर अमेरिका ने क्यों साधा खाड़ी देश पर निशाना?

जो बाइडेन की सऊदी यात्रा से ठीक पहले कोलंबिया ने सऊदी दूतावास को निशाना बनाया है. पत्रकार जमाल खशोज्जी के नाम पर कोलंबिया ने सऊदी दूतावास के सामने की सड़क का नाम रखा है. सऊदी अरब के दूतावास ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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कोलंबिया में एक सड़क का नाम सऊदी पत्रकार जमाल खशोज्जी के नाम पर रखा गया है (Photo- AP)
कोलंबिया में एक सड़क का नाम सऊदी पत्रकार जमाल खशोज्जी के नाम पर रखा गया है (Photo- AP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका के कोलंबिया ने सऊदी अरब पर साधा निशाना
  • मृत सऊदी पत्रकार के नाम पर रखा सड़क का नाम
  • सऊदी दूतावास के मुख्य द्वार का नाम बदला गया

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सऊदी अरब की पहली आधिकारिक यात्रा से पहले अमेरिकी राज्य कोलंबिया ने सऊदी को निशाना बनाने की कोशिश की है. कोलंबिया में सऊदी दूतावास के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने की सड़क का नाम सऊदी सरकार के कटु आलोचक रहे पत्रकार जमाल खशोज्जी के नाम पर कर दिया गया है. डीसी काउंसिल के सदस्यों की उपस्थिति में जमाल खशोज्जी सड़क का अनावरण किया गया.

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जमाल खशोज्जी की हत्या में सऊदी सरकार की भूमिका को लेकर अमेरिका लगातार उसकी आलोचना करता रहा है. जो बाइडेन ने जब से पद संभाला है, सऊदी के मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बात तक नहीं की है.

वो जमाल खशोज्जी की हत्या के लिए प्रिंस सलमान को जिम्मेदार ठहराते है. लेकिन हाल के दिनों में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण स्थिति बदली है और बाइडेन अपने घरेलू राजनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बीच सऊदी दूतावास के सामने जमाल खशोज्जी सड़क के अनावरण कर कोलंबिया ने सऊदी दूतावास को ट्रोल किया है.

खशोज्जी द्वारा स्थापित किए गए अरब दुनिया के लोकतंत्र समर्थक संगठन 'डॉन' की कार्यकारी निदेशक सारा लिआ व्हिटसन ने कहा, 'हम नकाब के पीछे छिपे उन लोगों को याद दिलाना चाहते हैं कि हम अपने दोस्त की हत्या के लिए उन्हें जिम्मेदार मानते हैं और आगे भी उन्हें जिम्मेदार ठहराएंगे.'

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व्हिटसन ने सऊदी अरब के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में काम करने और जो बाइडेन की निर्धारित सऊदी यात्रा को लेकर बाइडेन प्रशासन की कड़ी आलोचना की. उन्होंने इसे बाइडेन प्रशासन का बेशर्म समर्पण कहा.

सऊदी दूतावास में की गई थी जमाल खशोज्जी की हत्या

सऊदी अरब सरकार के कटु आलोचक रहे वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोज्जी 2 अक्टूबर, 2018 को इस्तांबुल में सऊदी के वाणिज्य दूतावास में गए थे. उनकी मंगेतर बाहर उनका इंतजार कर रही थीं. खशोज्जी अपनी मंगेतर से शादी के लिए आवश्यक दस्तावेज लेने दूतावास में गए और फिर कभी वापस नहीं लौटे.

सऊदी सरकार ने उनकी हत्या में पहले तो किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया लेकिन बाद में जब अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा तो सऊदी ने आखिरकार स्वीकार किया कि खशोज्जी की दूतावास के अंदर हत्या कर दी गई. सऊदी ने कहा कि उनकी मौत गलती से हुई. बाद में अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आदेश पर खशोज्जी की हत्या की गई.

सऊदी की सरकार इस बात से इनकार करती है कि खशोज्जी की हत्या में सऊदी क्राउन प्रिंस का हाथ है. हालांकि निचले स्तर के कई सऊदी अधिकारियों को खशोज्जी की हत्या के लिए सजा दी गई है.

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खशोज्जी की मंगेतर ने भेजा संदेश

डीसी काउंसिल ने खशोज्जी के नाम पर सड़क का नाम रखने के लिए पिछले साल के अंत में मतदान किया था. जमाल खशोज्जी सड़क को लेकर सऊदी अरब दूतावास से समाचार एजेंसी एपी ने प्रतिक्रिया मांगी जिसका कोई जवाब नहीं मिला. 

सड़क के अनावरण के दौरान खशोज्जी की मंगेतर हतीजे जेंगिंज उपस्थित नहीं हो सकीं लेकिन उनके एक संदेश को अनावरण के दौरान पढ़ा गया. उन्होंने अपने संदेश में बाइडेन की आलोचना करते हुए कहा कि आप कम से कम सऊदी सरकार से ये तो पूछ सकते हैं कि जमाल का शरीर कहां दफन है. उन्होंने बाइडेन की सऊदी यात्रा पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि क्या बाइडेन प्रिंस सलमान से मिलने पर खशोज्जी की हत्या का मुद्दा उठाएंगे.

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