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...जब राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा- मैं ट्रंप को नहीं जानता

राहुल गांधी ने कहा, 'मैं ट्रंप को नहीं जानता. मैं उस बारे में बात नहीं करूंगा, लेकिन निश्चित ही हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजगार सृजन के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं.

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डोनाल्ड ट्रंप और राहुल गांधी
डोनाल्ड ट्रंप और राहुल गांधी

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अमेरिका में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया में बेरोजगारी से लोग परेशान हैं. लिहाजा नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेताओं को लोगों ने चुना. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी भारत में इस समस्या के समाधान के लिए पर्याप्त मात्रा में काम नहीं कर रहे हैं. मालूम हो कि राहुल गांधी यहां दो हफ्ते की अमेरिका यात्रा पर हैं.

अमेरिका के प्रिंस्टन यूनीवर्सिटी में छात्रों से रूबरू होते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को भारत में इसलिए समर्थन मिला, क्योंकि लोग कांग्रेस पार्टी से बेरोजगारी के मुद्दे पर नाराज थे. उन्होंने कहा कि रोजगार का पूर्ण मतलब राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में लोगों को सशक्त करना और शामिल करना है. राहुल गांधी ने छात्रों से कहा, 'मोदी के उभार का मुख्य कारण और ट्रंप के सत्ता में आने की वजह अमेरिका और भारत में रोजगार का सवाल है. हमारी बड़ी आबादी के पास कोई नौकरी नहीं है और वे अपना भविष्य नहीं देख सकते हैं. इसलिए वे परेशान हैं और उन्होंने इस तरह के नेताओं को समर्थन दिया है.

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उन्होंने कहा कि एक अन्य समस्या यह है कि बेरोजगारी को कोई समस्या मान ही नहीं रहा है. राहुल गांधी ने कहा, 'मैं ट्रंप को नहीं जानता. मैं उस बारे में बात नहीं करूंगा, लेकिन निश्चित ही हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजगार सृजन के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं. गांधी ने अमेरिका में विशेषज्ञों, व्यापारिक नेताओं और कांग्रेस के सदस्यों के साथ अपनी बैठक में बेरोजगारी का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया.

30,000 में से सिर्फ 450 लोगों को नौकरियां

राहुल गांधी ने बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया को संबोधित करते हुए कहा था कि इस समय हम पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं कर रहे हैं. हर दिन रोजगार बाजार में 30,000 नए युवा शामिल हो रहे हैं और इसके बावजूद सरकार प्रतिदिन सिर्फ 450 नौकरियां पैदा कर रही है. इसमें बड़ी संख्या में पहले से ही बेरोजगार युवा शामिल नहीं हैं. भारत को चीन के साथ मुकाबला करने के लिए खुद में बदलाव करने की आवश्यकता है और इसके लिए देश के लोगों को रोजगार की जरूरत है.

नौकरियां पैदा नहीं होने से लोग नाराज

कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमारे एक दिन में 30,000 नौकरियां पैदा नहीं कर पाने से जो लोग हमसे नाराज थे, वे मोदी से भी नाराज होंगे. अहम सवाल इस समस्या को सुलझाना है. मोदी के साथ मुख्य मसला यह है कि वह इस मुद्दे से ध्यान भटका देते हैं और यह कहने के बजाए कि सुनो हमें एक समस्या है, वह किसी और पर उंगली उठा देते हैं. राहुल ने कहा, 'भारत में इस समय लोगों में गुस्सा भर रहा है. हम इसे महसूस कर सकते हैं. लिहाजा मेरे लिए चुनौती एक लोकतांत्रिक पर्यावरण में रोजगार सृजन की समस्या को सुलझाना है.

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बेरोजगारी को एक समस्या के रूप में स्वीकार करना होगा

राहुल गांधी ने तर्क दिया कि इसके लिए पहले हमें स्वीकार करना होगा कि बेरोजगारी एक समस्या है. इसके बाद हमें एकजुट होकर इससे निपटने की कोशिश करनी होगी. इस समय कोई यह स्वीकार तक नहीं कर रहा कि यह एक समस्या है. राहुल ने प्रिंसटन में अपने अधिकतर प्रश्न सत्र में रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि नई तकनीक एवं आधुनिकीकरण से रोजगार कम होने की संभावना नहीं है. उन्होंने भारत में ध्रुवीकरण का मामला भी उठाया. राहुल गांधी ने कहा कि ध्रुवीकरण की राजनीति भारत में मुख्य चुनौती है और अल्पसंख्यक समुदायों और जनजातीय लोगों समेत समाज के कुछ वर्गों को ऐसा नहीं लगता कि वे सत्तारूढ़ भाजपा की सोच का हिस्सा हैं.

भारत में ध्रुवीकरण की राजनीति मुख्य चुनौती

राहुल गांधी ने कहा, '21वीं सदी में यदि आप कुछ लोगों को अपनी सोच से बाहर रख रहे हैं, तो आप संकट को बुला रहे हैं. नए विचार आएंगे, तो नई सोच विकसित होंगी. लिहाजा मेरे लिए भारत में मुख्य चुनौती ध्रुवीकरण की राजनीति है, जहां आप एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा कर देते हैं और आप अन्य लोगों के आने के लिए जगह पैदा कर देते हैं.' कांग्रेस उपाध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 10 करोड़ जनजातीय लोगों का एक इलाका है, जो भाजपा की सोच को लेकर सहज महसूस नहीं करता. भारत में कई राज्य हैं, जो नहीं चाहते कि उन पर एक ही सोच लागू की जाए. देश में अल्पसंख्यक समुदाय है, उन्हें नहीं लगता कि वे इस सोच का हिस्सा है. असल खतरा यही है. उन्होंने कहा कि लोगों को गले लगाना ही भारत की ताकत रही है.

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