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हमास को 2 बिलियन डॉलर तो लश्कर को भी अमेरिका से बड़ा फंड, बाइडेन प्रशासन की खुल रही पोल!

अमेरिका की सत्ता पर काबिज होते ही ट्रंप सरकार लगातार एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले ले रही है. ट्रंप द्वारा खर्चे में कटौती करने के लिए बनाए गए मंत्रालय ने कहा था कि वो USAID के तहत दुनिया के देशों को दिए जाने वाले 723 मिलियन डॉलर की रकम को खत्म कर रहा है.

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन

अमेरिकी कांग्रेस ने आतंकवादी-नामित समूहों के साथ USAID के कथित संबंधों पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि बाइडेन शासन के दौरान आतंकी समूहों को भी करोड़ों डॉलर की मदद दी गई. दरअसल ट्रंप द्वारा खर्चे में कटौती करने के लिए DOGE (Department of Government Efficiency) नाम का अलग मंत्रालय बनाया गया है. 

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DOGE ने कहा था कि वो USAID के तहत दुनिया के देशों को दिए जाने वाले 723 मिलियन डॉलर की रकम को खत्म कर रहा है. यानी कि अब ऐसी कोई भी रकम इन देशों को नहीं मिलेगी.

हमास को 2 बिलियन डॉलर

आतंकी समूहों को बाइडेन शासन के दौरान मिली मदद को लेकर DOGE और अमेरिकी संघीय कर्मचारियों पर गठित कमेटी के समक्ष सुनवाई हुई.  इस दौरान हुई गवाही के अनुसार, बाइडेन प्रशासन के तहत 7 अक्टूबर, 2023 से USAID द्वारा हमास की मदद के लिए 2 बिलियन डॉलर से अधिक भेजे गए थे.

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लश्कर को भी मदद

रिपोर्टों के अनुसार, USAID ने एक भारत-विरोधी संगठन को भी वित्तीय मदद प्रदान की थी जिसे अमेरिकी सरकार ने आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है. इसने पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुखौटे संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) को वित्तीय सहायता प्रदान की थी.

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लश्कर वहीं आतंकी संगठन है जिसने 26/11 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था. इस हमले में 166 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए थे. DOGE पहले ही दावा कर चुकी है कि USAID ने जांच के दायरे में होने के बावजूद फाउंडेशन को समर्थन देना जारी रखा था.

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