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क्या पास-पास अस्पताल, बाजार बनाकर सरकारें जनता को एक इलाके में कैद करने की साजिश रच रही हैं? ब्रिटेन में मचा हंगामा

शहर को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा जाएगा, जिसमें एक इलाके के लोग दूसरे इलाके में या तो पास लेकर जा सकेंगे, या फिर भारी-भरकम फाइन देना होगा. ये कोविड पाबंदी नहीं, बल्कि 15-मिनट-सिटी योजना है, जिसने यूरोप से लेकर यूके तक में हंगामा मचाया हुआ है. लोगों का कहना है कि सरकारें उन्हें बिना जुर्म कैद में रखने की तैयारी कर रही हैं. इसे इंटरनेशनल साजिश तक कहा जा रहा है.

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15-मिनट-सिटी योजना को लोगों को एक-दूसरे से अलग करने की साजिश कहा जा रहा है. (Getty Images)
15-मिनट-सिटी योजना को लोगों को एक-दूसरे से अलग करने की साजिश कहा जा रहा है. (Getty Images)

कैसा हो अगर घर से निकलते ही 15 मिनट की दूरी पर आपको स्कूल, अस्पताल, हाट-बाजार सब मिल जाए. ट्रैफिक जाम से लेकर सड़क हादसे भी कम होंगे, साथ ही पर्यावरण भी बेहतर होगा. इसी सोच के साथ ब्रिटेन और यूरोप में 15 मिनट सिटी कंसेप्ट लाने की बात हुई, लेकिन लोगों ने हंगामा मचा दिया. लोगों का कहना है कि ये दरअसल एक साजिश है, जिससे लोगों को उतने ही एरिया में नजरबंद कर दिया जाएगा. 

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70 पाउंड का जुर्माना
ये अलग तरह की कंस्पिरेसी थ्योरी है, जिसके विरोध में ऑक्सफोर्ड की बड़ी आबादी सड़कों पर उतर आई. ऑक्सफोर्ड ब्रिटेन के उन शहरों में पहला है, जहां किसी भी इलाके के लोग एक तय इलाके से आगे ड्राइव नहीं कर सकते. यहां तक कि शहर से बाहर जाने के लिए हर एडल्ट को 100 दिनों का पास मिलेगा, तो कुल साल में वे या तो इतने ही दिनों के लिए अपनी लिमिट क्रॉस कर सकेंगे, या अगर नियम तोड़ा तो 70 पाउंड का जुर्माना देना होगा. 

शहर में फिल्टर लगे होंगे जो गाड़ियों को पहचानकर रोक सकेंगे
इस स्कीम को ऑक्सफोर्ड ट्रैफिक फिल्टर स्कीम कहा गया, जिसमें शहर में 6 फिल्टर होंगे, जो निजी गाड़ियों को लंबी दूरी तय करने से रोकेंगे. इसमें थोड़ी छूट भी है. बस, टैक्सी, वैन, मोटरसाइकिल और एंबुलेंस जैसी गाड़ियों पर ये नियम लागू नहीं होगा. नियम के लागू होने की बात शुरू होते ही लोग हंगामा करने लगे. अधिकतर लोगों का मानना है कि सरकारें मिलकर कोई साजिश कर रही हैं, जिससे लोग एक इलाके तक ही सीमित हो जाएं, बाहरी लोगों से न मिल सकें और न ही ठीक से खबर लग सके कि बाकी दुनिया में क्या चल रहा है. 

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क्या है पक्ष में तर्क?
15 मिनट सिटी की सबसे पहले बात साल 2015 में हुई थी. तब पेरिस की सॉरबोन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कार्लोस मोरेनो ने कहा था कि अगर इतने ही मिनट की दूरी पर एक इलाके में सबकुछ बना दिया जाए तो ट्रैफिक रूल टूटना कम होंगे और चूंकि लोग कम ड्राइव करेंगे तो पॉल्यूशन भी कम होगा. वैज्ञानिकों ने इसके पक्ष में काफी सारे तर्क दिए, कि इससे लोगों का वक्त बचेगा और वे अपने पास-पड़ोस से ज्यादा बेहतर ढंग से जुड़ सकेंगे. 

controversy over fifteen minute cities concept in uk europe and why people are against it
पेरिस की सड़कों से भीड़ कम करने के लिए योजना लागू करने की बात है. सांकेतिक फोटो (Getty Images)

तब समस्या कहां है?
वैज्ञानिक और पर्यावरणविद इसके फायदे गिना रहे हैं. यहां तक कि कार्बन फुटप्रिंट छोटा करके आने वाली पीढ़ियों को साफ-सुथरी हवा देने की बात कर रहे हैं. लोगों को लुभाने के लिए इतना काफी है, लेकिन हो उल्टा रहा है. लोग कह रहे हैं कि ये सब उन्हें एक एरिया में लॉक करने की साजिश है. मेयर या सरकारें फ्लैट नंबर के आधार पर तय कर देंगी कि आप कहां नहीं जा सकते, या आपके एरिया में कौन नहीं आ सकता. 

सोशल मीडिया पर तरह-तरह के हैशटैग चल रहे हैं, जिसमें कोई इसे यूनाइटेड नेशन्स तो कोई वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम का एजेंडा कहते हुए आरोप लगा रहा है. ये भी कहा जा रहा है कि सरकार अगर चाहेगी तो किसी खास जगह को पूरा का पूरा खाली करा वहां के लोगों को कथित स्मार्ट सिटी में भेज देगी. लोगों के पास कहां रहना है, जैसी चॉइस भी नहीं रहेगी. यहां तक कि इसे #15minuteprisons तक कहा जा रहा है. 

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लोग सड़कों पर आकर इस प्लानिंग का विरोध कर रहे हैं. (Twitter)

चाइना की सख्ती से हो रही तुलना
चीन में कोविड के दौर में कई खबरें आती रहीं, जिसमें नागरिक आरोप लगा रहे थे कि उन्हें एक बिल्डिंग में कैद कर दिया गया है. लेकिन इससे तीन साल पहले से ही चीन के शंघाई में ऐसी कई तस्वीरें और वीडियो आए थे, जिनमें एक जगह रहने वालों को एक ही जगह तक सीमित रखा जाने के आरोप थे. खुद चीन के सरकारी अधिकारियों ने माना कि वे हैप्पी कम्युनिटी बना रहे हैं, जिसमें 15 सौ स्क्वायर मीटर में मल्टीपरपज एरिया में बाजार, मॉल, स्कूल, हॉस्पिटल, पोस्ट ऑफिस सब रहे और लोग सिर्फ ऑफिस के लिए बाहर जा सकें. 

कई देशों ने दिया प्रस्ताव
कंस्पिरेसी थ्योरी के सच-झूठ का तो पता नहीं, लेकिन अलग-अलग देशों की सरकारें इस तरफ काम शुरू कर चुकी हैं. अमेरिका के ओटावा राज्य में 15 मिनट नेबरहुट का प्रस्ताव आया हुआ है, तो ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न में 20 मिनट सिटी है. स्पेन के बार्सेलोना में इसे कार-फ्री सुपरब्लॉक कहा जा रहा है. ये इतना ही बड़ा दायरा होगा, जिसमें साइकिल से या पैदल 15 मिनट से सारा तामझाम मिल जाए. 

लड़ाई में बड़े-बड़े नेता और वैज्ञानिक तक दो फांक हो चुके हैं. इसी फरवरी की शुरुआत में ब्रिटिश नेता निक फ्लेचर ने पार्लियामेंट में इसे इंटरनेशनल साजिश कहते हुए आरोप लगाया कि इसके लागू होने पर लोगों की आजादी छिन जाएगी.

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