भारत में कोरोना वैक्सीनेशन के मिशन ने रफ्तार पकड़ ली है और रोज लाखों लोगों को टीका लगाया जा रहा है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया में अब कोरोना वैक्सीनेशन के लिए सेना की मदद लेनी पड़ रही है. वैक्सीनेशन ऑस्ट्रेलिया में काफी धीमी रफ्तार से चल रहा है, ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि सेना की मदद ली जाए ताकि युद्ध स्तर पर इस मिशन को चलाया जा सके.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की डिफेंस फोर्स अगले हफ्ते से देश के ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन का काम शुरू करेगी. जिन इलाकों में वैक्सीनेशन सेंटर्स की कमी है या लोगों को असुविधा है, उन जगहों को सेना प्राथमिकता देगी.
ऑस्ट्रेलिया ने 22 फरवरी को वैक्सीनेशन का काम शुरू किया, जिसके तहत 25 मिलियन लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया. इनमें सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स और अधिक उम्र वाले लोगों को टीका लगाया जा रहा है.
हालांकि, शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक एक हफ्ते में मात्र 34 हजार लोगों को ही वैक्सीन लग पाई. यही कारण है कि अब सेना की मदद ली जा रही है, ताकि अक्टूबर तक वैक्सीनेशन के काम को पूरा किया जा सके.
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ 29 हजार कोरोना केस और 900 के करीब मौतें हो पाई हैं. बीच में एक दौर आया था, जब ऑस्ट्रेलिया के कुछ इलाकों में कोरोना के मामले बढ़ने लगे थे. लेकिन अब बीते कुछ वक्त से ऑस्ट्रेलिया में कोरोना काबू में है.
अगर भारत में वैक्सीनेशन की बात करें तो भारत में अबतक डेढ़ करोड़ लोगों को टीका लग चुका है, जबकि एक दिन में करीब ढाई से तीन लाख लोगों को वैक्सीन मिल रही है.