scorecardresearch
 

कोरोना वायरस का कहर, पेरिस से दिल्ली पहुंचे लोगों का छलका दर्द

कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर से भारतीय अपनी वतन वापसी के लिए बेताब हैं. हालांकि उड़ानें रद्द होने की वजह से यात्री बड़ी मुश्किल से अपने देश वापस आ पा रहे हैं. आकाश (बदला हुआ नाम) पेरिस में ऑटोमोबाइल इंजीनियर थे और पिछले दो साल से रह रहे थे. वो कोरोना वायरस के डर से मोटी सैलरी वाली नौकरी को छोड़कर अपने देश वापस लौट आए हैं.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर  (Photo: PTI)
सांकेतिक तस्वीर (Photo: PTI)

Advertisement

  • दुनिया भर में कोरोना वायरस से 6000 लोगों की हो चुकी है मौत
  • कोरोना वायरस के चलते कई देशों ने इंटरनेशनल उड़ानें रद्द कीं

कोरोना वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचा रखी है. अब तक यह वायरस 138 देशों में पैर पसार चुका है और एक लाख 55 हजार से ज्यादा लोगों को जकड़ चुका है. इस घातक वायरस से अब तक दुनिया भर में 6000 लोगों की मौत भी हो चुकी है. इस खतरनाक वायरस के चलते कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बंद कर दिया है और सीमाओं को सील कर दिया है.

इसके चलते कई देशों के नागरिक विदेशों में फंस गए हैं. कई भारतीय भी दूसरे देशों में फंसे हैं और अपने वतन लौटना चाहते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लौट नहीं पा रहे हैं. हालांकि भारत सरकार अपने नागरिकों को विदेश से वापस लाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. जो लोग किसी तरह वापस लौटकर आ रहे हैं, तो सुकून महसूस कर रहे हैं. इसी तरह जब फ्रांस की राजधानी पेरिस में फंसे लोगों को लेकर एयर इंडिया का विमान AI 142 दिल्ली आया, तो लोगों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी.

Advertisement

इंटरनेशनल एयरलाइंस लुफ्थांसा ने 14 मार्च को म्यूनिख से मुंबई के बीच उड़ानों को कैंसल कर दिया है. जब कोरोना वायरस के चलते लुफ्थांसा ने अचानक उड़ान LH-766 को रद्द किया, तो पेरिस, म्यूनिख और मुंबई के लिए जाने वाले यात्री अधर में फंस गए थे. लुफ्थांसा ने उड़ान कैंसल करने की जानकारी भी यात्रियों को काफी देरी से दी थी.

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस: पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में बना आइसोलेशन सेंटर, महिलाओं ने किया हंगामा

इस बीच शनिवार को पेरिस से मुंबई के बीच उड़ान भरने वाले एयर फ्रांस के विमान ने किराया काफी ज्यादा बढ़ा दिया. इसके चलते भारत लौटने की कोशिश कर रहे भारतीयों की मुश्किल बढ़ गई थीं. लुफ्थांसा की उड़ानें रद्द होने के बाद एयर इंडिया का टिकट बुक करने वाली सीमा (बदला हुआ नाम) ने आजतक से बातचीत में कहा, 'मैं बेहद भाग्यशाली हूं, जो मुझको 30 हजार रुपये में भारत लौटने का टिकट मिल गया. लुफ्थांसा की उड़ानें रद्द होने के बाद मैं बहुत नर्वस हो रही थी. मेरे माता-पिता अपने देश वापस जा चुके थे, लेकिन मुझको लेकर बेहद चिंतित थे.'

सौरव (बदला हुआ नाम) का कहना है, 'मैं किसी भी तरह अपने घर वापस जाना चाहता था. इसके लिए मैं ज्यादा किराया भी देने को तैयार था. एयरलाइन इतना ज्यादा किराया मांग रही थीं, जिसकी मुझको उम्मीद तक नहीं थी. फ्रांस में हालात बेहद खराब होने जा रहे हैं. ऐसे में फ्रांस छोड़ना सबसे बेहतर था.' आजतक ने पेरिस से दिल्ली के लिए रवाना होने वाले कई यात्रियों से बातचीत की, तो सभी का यही दर्द रहा.

Advertisement

यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस का असर, दुनिया भर के सभी स्‍वामीनारायण मंदिर होंगे बंद

आकाश (बदला हुआ नाम) पेरिस में ऑटोमोबाइल इंजीनियर थे और पिछले दो साल से रह रहे थे. वो कोरोना वायरस के डर से मोटी सैलरी वाली नौकरी को छोड़कर अपने देश वापस लौट आए हैं. उन्होंने बताया, 'कोरोना वायरस के खतरे को लेकर मैं घबरा गया था. मेरे माता-पिता भी मुझको लेकर बेहद चिंतित थे. कोरोना वायरस के चलते फ्रांस लॉकडाउन हो गया है और लोग घरों में कैद हो गए हैं. सोमवार से पेरिस में सभी संस्थान और पर्यटन स्थल पूरी तरह से बंद हो रहे हैं. फ्रांस की सरकार ने कोरोना वायरस के चलते लोगों के एकजुट होने पर भी बैन लगा दिया है.

Advertisement
Advertisement