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पाक नहीं CPA ने रद्द की थी संसदीय बैठक

इस्लामाबाद में होने वाले राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) ने बुधवार को रद्द किया था.उपलब्ध ब्यौरों में यह बात सामने आयी है जिससे पाकिस्तान के इस दावे का खंडन होता है कि यह निर्णय स्वयं उसने किया था.

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इस्लामाबाद में होने वाले राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) ने बुधवार को रद्द किया था.उपलब्ध ब्यौरों में यह बात सामने आयी है जिससे पाकिस्तान के इस दावे का खंडन होता है कि यह निर्णय स्वयं उसने किया था.

उपलब्ध ब्यौरों के अनुसार सीपीए की कार्यकारी समिति की ब्रिटेन में यह बैठक हुई कि क्या 30 सितंबर से 8 अक्तूबर तक होने वाले सम्मेलन पर आगे बढ़ा जाए क्योंकि इससे पहले मेजबान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष को आमंत्रित करने में अपनी असमर्थता जतायी थी.

विस्तृत विचार विमर्श के बाद कार्यकारी समिति ने 19 अगस्त को यह तय किया कि निर्धारित 61वां उद्घाटन सम्मेलन तथा संबद्ध सम्मेलन, कार्यशालाएं तथा कार्यकारी समिति एवं उप समिति की बैठकें पाकिस्तान में आयोजित नहीं होंगी.

सूत्रों ने बताया कि सीपीए ने यह निर्णय संविधान को ध्यान में रखते हुए लिया है. सीपीए का यह मत था कि जम्मू कश्मीर जैसी शाखा को न्यौता नहीं भेजना उसके संविधान के अनुच्छेद 10-2-(ई) का उल्लंघन है जिसका संघ के साथ अच्छा आर्थिक संबंध हैं.

इन अनुच्छेदों में कहा गया है कि शाखाओं के प्रतिनिधिमंडल को सीपीए के उदघाटन सम्मेलन एवं महासभा बैठक में भाग लेने का अधिकार है.

पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली के स्पीकर सरदार अयाज सादिक ने कल संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि यह पाकिस्तान ही था जिसने सम्मेलन को रद्द किया क्योंकि उसके लिए कश्मीर पर समझौता करना उपयुक्त नहीं है.

बैठक के लिए जम्मू कश्मीर को आमंत्रित नहीं करने के पाकिस्तान के निर्णय पर कड़ा रूख अपनाते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों एवं सभापतियों की करीब दो हफ्ते पहले एक बैठक बुलाई थी और उसमें सर्वसम्मति से आयोजन का बहिष्कार करने का निर्णय किया गया.

सुमित्रा ने कहा था कि सीपीए के अध्यक्ष से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपने पद का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के एकपक्षीय ढंग से किए गए फैसले से उत्पन्न स्थिति का फौरन हल निकाले. ऐसा नहीं होने की स्थिति में भारत और उसकी विधानसभाएं आयोजन का बहिष्कार करेंगी.

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