कोरोना संकट काल के बीच टीकाकरण (Corona Vaccine) के मामले में क्यूबा ने एक नई उपलब्धि हासिल की है. क्यूबा दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने 2 साल के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगानी शुरू कर दी है. क्यूबा में दो कोरोना टीके लगाए जा रहे हैं, जो कि क्यूबा में ही तैयार किए गए हैं, इनको फिलहाल वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से मान्यता नहीं मिली है.
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, क्यूबा में अब्दला और सोबराना नाम के कोरोना टीके लगाए जा रहे हैं. बच्चों पर इनका क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है. शुक्रवार को क्यूबा में बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगनी शुरू हुई थी. शुरुआत में 12 साल या उससे ऊपर के बच्चों को कोरोना टीका दिया गया, फिर सोमवार से 2-11 साल के एज ग्रुप वाले बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई गई. फिलहाल क्यूबा के सिएनफ्यूगोस शहर में ही इस एज ग्रुप को वैक्सीन लगी है.
कई देशों में 12 साल से ऊपर से बच्चों को लगाई जा रही वैक्सीन
दुनिया के कई देशों में 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को कोरोना टीका लगाना पहले ही शुरू कर दिया गया है. वहीं कुछ देशों में ट्रायल चल रहा है. चीन, यूएई, वेनेजुएला मे भी छोटे बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने का ऐलान किया है, लेकिन क्यूबा ने उनसे पहले ऐसा कर दिया है.
भारत में भी 12 साल से ऊपर के बच्चों को कोरोना टीका दिया जाना शुरू होगा. इसके लिए जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई. 12 साल से अधिक उम्र के लोगों को ये वैक्सीन लगाई जा सकती है. जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को ZyCoV-D नाम दिया गया है, यह डीएनए पर आधारित दुनिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन है. वैक्सीन को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की ओर से मंजूरी दे गई है.