लगता है कि नासा का रोवर क्युरीयोसिटी मंगल ग्रह पर कचरा फैला रहा है. रोवर से पृथ्वी पर भेजी गई तस्वीर में मंगल की धरती पर एक चमकदार वस्तु दिखाई दे रहा है, और निकट से देखने पर वह एक प्लास्टिक का रैपर लग रहा है जो रोबोट से बाहर गिरा होगा.
क्यूरियोसिटी पता करेगा ‘क्या हम अकेले हैं’
सूत्रों के मुताबिक, इस खोज ने रोवर के मंगल अभियान में एक नया मोड़ ला दिया है. रोवर का लक्ष्य मंगल की धरती से मिट्टी लेकर उसका रासायनिक और जैविक परीक्षण करना है.
हालांकि मगंल पर कुछ और भी अज्ञात चमकदार चीजें दिख रही हैं. पहली नजर में माना जा रहा है कि वह क्युरीयोसिटी से गिरी होंगी. लेकिन वह मंगल पर मिलने वाली वस्तु भी हो सकती है. अभी तक यह रहस्य है कि वह है क्या? क्युरीयोसिटी मंगल की मिट्टी को अपने कैमेस्ट्रीऔर मिनलरोलॉजी उपकरण (चेमिन) में डालने की प्रक्रिया के बीच में है. इस उपकरण में मिट्टी के बीच से एक्स किरणों की बीम भेज कर उसकी बनावट और उसमें मौजूद तत्वों के बारे में जाना जाएगा.
क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल से भेजी वॉइस रिकॉर्डिंग और फोटो
मंगल की मिट्टी के नमूनों की जांच की प्रक्रिया में रोवर को लाल ग्रह से मिट्टी खोदनी है, फिर से अच्छे से छाननी है और उसके बाद विश्लेषण के लिये उसे उपकरण में डालना है. इस दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखना है कि उसमें पृथ्वी से गई मिट्टी का एक भी कण शामिल ना हो. पहली बार मिट्टी उठाने के बाद मिली इस अज्ञात वस्तु की जांच के लिए रोवर ने तुरंत प्रक्रिया को रोक दिया और जांच में जुट गई. उसके बाद उसने 12 अक्तूबर को दूसरा नमूना लिया.
क्युरिओसिटी ने मंगल पर जो गड्ढा खोदा है उसमें भी चमकदार कण मिल रहे हैं. पहले वैज्ञानिकों को लगा कि रोवर अपने ही मलबे में खुदाई करने लगा है. लेकिन बाद के जांच से पता चला कि उसमें से कुछ कण मंगल की धरती के ही हैं.
मार्स रोवर: विज्ञान का 'मंगल'मय युग
नासा फिलहाल क्युरीयोसिटी की मदद से उसी स्थान से मिट्टी का तीसरा नमूना लेने की तैयारी कर रहा है. यह वैज्ञानिकों को जानने में मदद करेगा कि वह चमकदार कण किसी कचरा का हिस्सा हैं या फिर वे वाकई जांच करने के लायक मूल्यवान कण हैं.