मुंबई पर 2008 में हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ मामले की सुनवाई रोजाना आधार पर की जाएगी. लखवी को फरवरी 2009 में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टमाइंड होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हो गए थे स्थानीय मीडिया के जानकार डॉन के मुताबिक लखवी की जमानत मंजूर करके इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले की सुनवाई रोजाना के आधार पर होगी.
यह अदालती फैसला संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के अभियोजक चौधरी अजहर के कहने पर दिया गया है. उन्होंने लखवी मामले की रोजाना सुनवाई का आग्रह किया था. चौधरी अजहर ने कहा यह मामला जरूरी है. दुनिया की निगाहें इस मामले पर टिकी हैं. इसलिए इस मामले की सुनवाई इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में रोजाना की जाए.
अनुमान लगाया जा रहा है कि मामले की सुनवाई शुक्रवार से शुरू होगी. हालांकि पिछले साल 29 दिसंबर को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जकीउर रहमान लखवी की रिहाई का आदेश दिया था. जिसका भारत ने सख्त विरोध भी किया था.
भारत के सख्त विरोध जताए जाने के बाद 30 दिसंबर को लखवी को पाकिस्तान की एक अदालत ने अपहरण के एक मामले में दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. मुंबई हमले के इकलौते जीवित बचे हमलावर अजमल कसाब के इकबालिया बयान के आधार पर 25 नवंबर 2009 को लखवी को छह लोगों के साथ आरोपी बताया गया था. उन छह लोगों में हम्मद अमीन सादिक, शाहिद जमील राजा, यूनुस अंजुम, जमील अहमद, मजहर इकबाल और अब्दुल माजिद शामिल हैं. हमले के दौरान ही अजमल कसाब को पकड़ा गया था और 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी दे दी गई.
हमले के बाद ही लखवी (54) को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (लश्कर) के मुजफ्फराबाद के मुख्यालय से गिरफ्तार किया गया था. माना जाता है कि आतंकवादी हमले के वक्त लखवी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संचालक था. इस संगठन पर भारत साजिशकर्ता होने का आरोप लगाता रहा है.
मामले की सुनवाई इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मंगलवार को होनी थी जिसे पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या के आरोप में जेल में बंद पुलिसकर्मी मुमताज कादरी के मामले की सुनवाई की वजह से टालना पड़ा.
इनपुट-IANS