सीरिया इन दिनों प्रकृति की मार झेल रहा है. भीषण भूकंप से मची तबाही को अभी 100 घंटे भी नहीं बीते थे कि अब बाढ़ का संकट खड़ा हो गया है. तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से अबतक 21 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. हजारों लोगों को ठंड, भूख और निराशा की मार झेल रहे हैं.
रॉयटर्स के मुताबिक 12 साल तक चलने वाले गृहयुद्ध से सुरक्षित रहे सीरियाई शहर अल-तौल बाढ़ से तबाह हो गया है. ये शहर तुर्की के बॉर्डर से सटा हुआ है. बाढ़ के चलते लोग यहां से पलायन कर चुके हैं. यहां रहने वाले तीन निवासियों ने बताया कि भूकंप में शहर के 35 से 40 लोग मारे गए हैं. अधिकांश इमारतें नष्ट हो गई हैं या क्षतिग्रस्त हो गई हैं. उन्होंने कहा कि ये इलाका ओरोंटेस नदी से सटा हुआ है.
अल-तलौल निवासी अब्देलरहमेन अल-जसीम ने कहा कि भूकंप के बाद स्थानीय लोगों ने पास के एक छोटे से बांध में दरारें देखीं और इसे सैंडबैग से मजबूत करने का प्रयास किया. लेकिन वह कारगर साबित नहीं हुई. उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह भारी बारिश की वजह से भूकंप को लेकर चल रहा बचाव कार्य भी बाधित हुआ है. इसके साथ ही नदी का जलस्तर की काफी बढ़ गया है. अल-जसीम ने कहा कि गुरुवार की सुबह बांध टूट गया और बाढ़ आ गई. खेतों में पानी भर गया. घरों में घुटने से ऊपर तक पानी है. उन्होंने कहा कि महिलाएं और बच्चे घरों से बाहर किसी टापूनुमा स्थान पर रहने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने बिलखते हुए कहा कि किससे मदद के लिए कहें. सबकुछ तबाह हो गया.
सीरिया में बाढ़ से प्रभावित इलाकों का एक वीडियो सामने आया है. इसमें साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि बाढ़ के पानी से कारें डूब चुकी हैं. घरों में पानी घुस गया है. इसके साथ ही अधिकतर सड़कें जलमग्न हो गई हैं. शहर में दूर-दूर तक सन्नाटा पसरा हुआ है.
अल-तौल के लोगों ने कहा कि उन्हें राहत की कोई आस नजर नहीं आ रही है. आलम ये है कि उन्होंने खुद को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है. क्योंकि रेस्क्यू टीमें भूकंप से प्रभावित लोगों को बचाने में जुटी हुई हैं. ऐसे में उन्होंने कहा कि हमें कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है कि कोई हमें बचाने आएगा.
कस्बे में लंबे समय से रहने वाले फिरास अजीज हवाश ने कहा कि बाढ़ से लगभग 500 परिवार विस्थापित हो गए हैं. पानी अब घरों में है, शहर में कोई नहीं बचा है. वहां कोई नहीं रह सकता. यह एक त्रासदी है.
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