भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या तालिबान ने की थी. उन्हें पहले जिंदा पकड़ा गया था. इसकी पहली आधिकारिक पुष्टि हो गई है. अफगान नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी फोर्स के प्रवक्ता अजमल उमर शेनवारी ने इंटरव्यू में इसकी पुष्टि की है.
शेनवारी ने कहा, तालिबान ने दानिश को पकड़कर उनकी हत्या कर दी थी. हालांकि, उनके शव के साथ क्रूरता की पुष्टि नहीं हुई है. अभी इसकी जांच चल रही है. जहां दानिश की हत्या हुई, वह क्षेत्र तालिबान के कब्जे में है, इसलिए गवाहों को खोजने में समय लग रहा है.
पाकिस्तान कर रहा तालिबान की मदद
अजमल उमर शेनवारी के मुताबिक, पाकिस्तान तालिबान को फंड दे रहा है और उसका समर्थन कर रहा है. यह एक छद्म युद्ध है, जिसे अफगानिस्तान सरकार लड़ रही है. लश्कर, आईएस, अल-कायदा सभी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं और कई आतंकवादी और लश्कर लड़ाके पाकिस्तान से आ रहे हैं.
शेनवारी ने तालिबान के खिलाफ अन्य देशों से मदद मांगी. उन्होंने कहा, सभी देश हितधारक हैं और उन्हें अफगान सेना का समर्थन करना चाहिए. अफगान सेनाएं मजबूत हैं और अफगानिस्तान को तालिबान को अपने कब्जे में नहीं लेने देंगी.
बेरहमी से हुई थी हत्या- अमेरिकी मीडिया
दानिश कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान और तालिबान का युद्ध कवर कर रहे थे, तभी उन पर ये हमला किया गया था और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी थी. दानिश की मौत को लेकर वाशिंगटन एक्जामिनर ने दावा किया कि जब पत्रकार जख्मी हो गए थे तो वे एक मस्जिद में शरण लेने पहुंचे. जब तालिबान के आतंकियों को इसकी जानकारी हुई तो वे मस्जिद में पहुंच गए. जैसे ही उन्हें पता चला कि दानिश भारत के हैं तो उन्होंने उन्हें पकड़ लिया और बाद में गोलियों से भून डाला.