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भारत की मसालेदार करी पसंद है डेविड कैमरन को

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अपनी हाई प्रोफाइल भारत यात्रा से पहले वहां के लोगों का दिल जीतने का प्रयास करते हुए कहा कि वह सचिन तेंदुलकर के प्रशंसक हैं और उन्हें मसालेदार करी काफी पसंद है.

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अपनी हाई प्रोफाइल भारत यात्रा से पहले वहां के लोगों का दिल जीतने का प्रयास करते हुए कहा कि वह सचिन तेंदुलकर के प्रशंसक हैं और उन्हें मसालेदार करी काफी पसंद है.

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डाउनिंग स्ट्रीट ने इस बात की पुष्टि की कि कैमरन अगले हफ्ते नयी दिल्ली और मुंबई की यात्रा के दौरान व्यापारिक नेताओं के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. उन्होंने अपनी यात्रा की जमीन तैयार करने के लिए कुछ चुनिंदा एशियाई टेलीविजन चैनलों से बातचीत की. उनकी इस यात्रा को उनके कार्यालय द्वारा आयोजित की गई अब तक की सबसे बड़ी व्यापारिक यात्रा कहा जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘मेरा संदेश है कि मेरा मानना है कि ब्रिटेन और भारत 21 वीं सदी के बड़े भागीदारों में से एक हो सकते हैं. मेरा मानना है कि यह विशेष संबंध हो सकता है, इतिहास है, पारिवारिक संबंध हैं, संस्कृति है, भाषा है, क्रिकेट जैसी चीजों के लिए प्यार है.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर हम अपने विश्वविद्यालयों, हमारे व्यवसायों के बीच तालमेल करते हैं तो आश्चर्यजनक भविष्य होगा.

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मेरा मानना है कि इस संबंध की कोई सीमा नहीं है. ब्रिटेन को दिखाना चाहिए कि भारत दुनिया में क्या करने में सक्षम है और जैसे-जैसे आप बढ़ें और सफल हों हम आपके भागीदारों में से एक बनना चाहते हैं.’ उन्होंने हालांकि, कश्मीर जैसे विवादास्पद मुद्दों से खुद को अलग रखा और भारत तथा पाकिस्तान के बीच वार्ता में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया.

कैमरन ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान को इसे आगे ले जाना है, न कि ब्रिटेन को प्रयास करना है और प्रक्रिया में खुद को शामिल करना है.’प्रधानमंत्री कैमरन ने मसालेदार करी के प्रति अपने प्रेम का इजहार किया और खुद को मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का बड़ा प्रशंसक बताया. कैमरन ने कहा, ‘मैं क्रिकेट का जबर्दस्त प्रशंसक हूं. मेरे पास जो वस्तुएं हैं जिसपर मैं गर्व कर सकता हूं उसमें वह बल्ला है जिसे सचिन तेंदुलकर ने मुझे दिया था. उसपर उनके हस्ताक्षर हैं.’ 46 वर्षीय कैमरन ने पिछली बार 2010 में भारत की यात्रा की थी. तब उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही समय बाद यात्रा की थी.

कंजर्वेटिव पार्टी नेता ने अपने पार्टी की आप्रवासन विरोधी अभियान को भी उलटने का प्रयास करते हुए जोर दिया कि ब्रिटेन में अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या और उसके बाद टोरी नीत गठबंधन सरकार के तहत काम ढूंढने के लिए ठहरने पर कोई सीमा नहीं होगी.

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उन्होंने कहा, ‘आपको अंग्रेजी की बुनियादी योग्यता और ब्रिटिश विश्वविद्यालय में जगह की आवश्यकता है. ब्रिटिश विश्वविद्यालय छोड़ने के बाद अगर आप स्नातक स्तरीय नौकरी वहां पा सकते हैं तो कितने लोग वहां ठहरकर काम कर सकते हैं और काम पर कितने समय रुक सकते हैं इसकी कोई सीमा नहीं है.’ कैमरन ने माना कि वह भारतीयों को उचित तरीके से नीति बताने में विफल रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि वह अपनी यात्रा के दौरान इसे ठीक कर देंगे. फिलहाल उनकी यात्रा की तारीख नहीं निर्धारित की गई है.

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