ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दो साल से अधिक समय पहले भारत में गिरफ्तार किए गए छह ब्रिटिश नाविकों की वापसी की मांग की है. ब्रिटिश नागरिकों को उनके जहाज पर अवैध तरीके से हथियारों का बड़ा जखीरा रखने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था.
'द डेली टेलीग्राफ' की खबर के मुताबिक, नवंबर में लंदन में मोदी की यात्रा से कुछ समय पहले लिखे पत्र में कैमरन ने कहा था कि लंबे समय से चल रहा कानूनी मामला नाविकों के परिवारों को मानसिक वेदना और आर्थिक तंगी पहुंचा रहा है. सभी छह ब्रिटिश नागरिक एडवानफोर्ट में सुरक्षाकर्मी के तौर पर कार्यरत थे जो वाणिज्यिक पोतों को जलदस्युओं से संरक्षण प्रदान करने वाली कंपनी है. 12 अक्तूबर 2013 को जहाज ने तमिलनाडु के तट पर लंगर डाला था और भारतीय तटरक्षक ने उन्हें रोक लिया था.
वैध हथियारों के होने का दावा
एडवानफोर्ट का दावा था कि जहाज को भारतीय जलक्षेत्र के बाहर रोका गया, जिसे एक चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने के बाद केवल दोबारा ईंधन भरने के लिए उस इलाके में रोका गया था और उसके पास वैध तरीके से खरीदे गए हथियार थे जिनके उचित दस्तावेज उपलब्ध थे. ब्रिटिश बंधकों में सभी पूर्व सैन्यकर्मी हैं, जिनकी पहचान जॉन आर्मस्ट्रांग, निक डन, रे टिंडल, बिली इरविंग, निकोलस सिंपसन और पॉल टावर्स के तौर पर की गई.
मनमोहन सरकार से भी की थी बात
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, 'मंत्रियों ने इस मामले को नवंबर 2013 के बाद से 20 से ज्यादा बार उठाया है और जल्द से जल्द इसे सुलझाने का आग्रह किया है. हम सर्वोच्च स्तर पर इस मामले को उठाते रहेंगे. हालांकि हम किसी दूसरे देश में चल रही कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकते.' कैमरन ने सबसे पहले नवंबर 2013 में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात में इस मामले को उठाया था.
हाई कोर्ट ने रद्द किया था मामला
नाविकों के खिलाफ आरोपों को पिछले साल जुलाई में मद्रास हाई कोर्ट के एक जस्टिस ने रद्द कर दिया था. उन्होंने कहा था कि हथियारों का जखीरा ‘जलदस्यु निरोधक कार्रवाई’ के लिए उचित था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट से फिर से मुकदमे का आदेश देते हुए कहा था कि चालक दल के सदस्यों ने बड़ी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद वैध तरीके से होने की बात साबित नहीं की है. ये लोग जुलाई 2014 से जमानत पर रिहा हैं, लेकिन फिर मुकदमे की कार्रवाई पूरी होने से पहले भारत नहीं छोड़ सकते.
-इनपुट भाषा से