मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकवादी हमले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले डेविड हेडली को एक अमेरिकी न्यायाधीश ने भले ही 35 वर्ष कारावास के सजा दी है, लेकिन उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी मूल का यह अमेरिकी आतंकवादी वास्तव में मृत्युदंड का हकदार था.
अमेरिका के जिला न्यायाधीश हैरी लीनेनवेबर ने गुरुवार को हेडली के खिलाफ अपेक्षाकृत हल्की सजा सुनाते हुए कहा, 'हेडली एक आतंकवादी है.' न्यायाधीश ने कहा कि मृत्युदंड सुनाना काफी आसान होता.
न्यायाधीश ने 52 वर्षीय हेडली से कहा, 'तुम इसके हकदार हो.' हेडली ने मुंबई आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए संदेह से बचने के लिए अपना असली नाम दाउद गिलानी से बदलकर डेविड हेडली कर लिया था.
एक समझौते के तहत अमेरिकी अभियोजक इस बात के लिए राजी हो गए थे कि उसके खिलाफ मृत्युदंड की मांग नहीं की जाएगी और उसे इस मामले में पाकिस्तान, भारत या डेनमार्क को प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा.
न्यायाधीश ने कहा, 'मुझे हेडली की इस बात पर कोई भरोसा नहीं होता कि वह अब बदल गया है. मैं समझता हूं कि यह मेरा दायित्व है कि मैं आम लोगों को हेडली से बचाऊं और वह फिर कभी ऐसी वारदात में शामिल न हो.'
न्यायाधीश ने कहा, '35 साल की सजा उपयुक्त नहीं है। लेकिन मुझे आशा है कि मैंने जितनी सजा उसे दी है, उसका शेष जीवन जेल में ही बीत जाएगा.'
35 साल की सजा पूरी हो जाने के बाद हेडली पर पांच साल तक निगरानी रखी जाएगी. संघीय पैरोल की कोई व्यवस्था नहीं होगी और आरोपी को कम से कम 85 फीसदी सजा भुगतनी होगी.
अभियोजकों ने कहा कि अपना गुनाह कबूलते हुए और बाद में अपने मित्र तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ सुनवाई में गवाही देते हुए हेडली ने कबूल किया था कि वह 2002 से 2005 के बीच पाकिस्तान में पांच अलग-अलग मौकों पर लश्कर-ए-तैयबा द्वारा संचालित प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुआ था.
2005 के अंतिम दिनों में लश्कर के तीन सदस्यों ने हेडली को सर्वेक्षण के लिए भारत जाने का निर्देश दिया. इसके बाद सितम्बर 2006 से जुलाई 2008 के बीच उसने पांच बार भारत की यात्रा की थी और विभिन्न लक्ष्यों के विडियो तैयार किए थे.
प्रत्येक यात्रा से पहले लश्कर सदस्यों ने हेडली को उन खास स्थानों के बारे में उसे जानकारी दी थी, जहां के निरीक्षण उसे करने थे.
प्रत्येक भारत यात्रा के बाद उसने पाकिस्तान की यात्रा की और लश्कर सदस्यों से मिलकर उन्हें अपने निरीक्षण के परिणाम पर रिपोर्ट दी थी और निरीक्षण के वीडियो उन्हें उपलब्ध कराए थे.