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हेडली के भारत प्रत्यर्पण की संभावना बाकी: अमेरिकी अटॉर्नी

अमेरिका के एक संघीय अधिकारी ने कहा है कि यदि मुम्बई हमलों का दोषी डेविड हेडली सरकारी पक्ष के साथ अपने समझौते से मुकरता है, तो लश्कर ए तैयबा के इस पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी को अब भी भारत को सौंपे जाने की कुछ संभावना है.

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डेविड हेडली
डेविड हेडली

अमेरिका के एक संघीय अधिकारी ने कहा है कि यदि मुम्बई हमलों का दोषी डेविड हेडली सरकारी पक्ष के साथ अपने समझौते से मुकरता है, तो लश्कर ए तैयबा के इस पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी को अब भी भारत को सौंपे जाने की कुछ संभावना है.

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कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी गैरी एस शैपिरो ने संवाददाताओं से कहा कि यदि हेडली भविष्य की किसी जांच में अमेरिका सरकार या किसी विदेशी सरकार का सहयोग नहीं करता है और वह अपने वायदे से मुकरता है, तो यह अपराध कबूल करते समय अमेरिका सरकार के साथ उसके द्वारा किए गए समझौते का उल्लंघन होगा.

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में उसके द्वारा किया गया समझौता (जिसके तहत उसे प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता) खत्म हो जाएगा. इसके बाद हेडली भारत-अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के दायरे में आ सकता है.

शैपिरो ने कहा, ‘समझौता कहता है कि यदि वह (हेडली) सहयोग नहीं करता है या उसका सहयोग पूर्ण से कम है और वह सच्चा नहीं बना रहता है तो समूचा आग्रह समझौता खत्म हो सकता है.’ उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि है.

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अटॉर्नी ने कहा, ‘आग्रह समझौते के कारण उसे उन अपराधों के लिए भारत को प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता जिनमें वह यहां दोषी साबित हुआ है. लेकिन, यदि उसका आग्रह समझौता अमान्य हो जाता है तो उसे प्रत्यर्पित न करने का हमारा समझौता भी अमान्य हो जाएगा.’ शैपिरो ने कहा कि आग्रह समझौते के तहत हेडली को न केवल अमेरिका, बल्कि विदेशी सरकार को भी सहयोग करना होगा.

उन्होंने कहा, ‘उसे (हेडली) उनके साथ सहयोग करना होगा जिनके साथ सहयोग करने के लिए हम उससे कहेंगे. यदि वह ऐसा करने में विफल रहता है और इसे पूरी ईमानदारी तथा पूर्णता के साथ नहीं करता है तो हमारे पास उसके आग्रह समझौते को खत्म करने का विकल्प है. यदि हम आग्रह समझौते को अमान्य कर देते हैं तो फिर उसे उसके अपराध के लिए वह पूरा दंड मिलेगा जो उसे सहयोग न करने पर दिया जाता. इस कारण उसके लिए सहयोग करना और इसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाना बेहद जरूरी है.’

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक हेडली को मुम्बई में हुए आतंकी हमलों और डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की योजना में उसकी भूमिका के लिए गुरुवार को 35 साल कैद की सजा सुनाई गई.

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