पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए बेताब है. हालांकि, वह ग्रे लिस्ट में रहेगा या ब्लैक लिस्ट होगा इसका फैसला अक्टूबर में FATF की होनी वाली बैठक में होगा. 37 सदस्यीय वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान को 15 वोट की जरूरत है. वहीं, चार ऐसे देश भी हैं जो उसे ब्लैक लिस्ट होने से बचा सकते हैं. ये देश चीन, तुर्की, मलेशिया, हॉन्ग कॉन्ग हैं.
FATF की इस बैठक में जहां भारत का जोर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराने पर होगा तो वहीं पाकिस्तान का जोर खुद को ब्लैकलिस्ट से बचाने के लिए होगा. ऐसे में ये चार देश उसकी मदद कर सकते हैं. तुर्की, मलेशिया और चीन ये वो देश हैं जिन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर भी पाकिस्तान का साथ दिया है.
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तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दवान तो इससे पहले साफ कह चुके हैं कि तुर्की एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने के किसी भी फैसले का विरोध करेगा. वह FATF की बैठकों में चीन, तुर्की और मलेशिया आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों की सराहना कर चुके हैं. जबकि, भारत ने ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की थी. 37 देशों वाले एफएटीएफ चार्टर के मुताबिक किसी भी देश को ब्लैक लिस्ट नहीं करने के लिए कम से कम 4 देशों के समर्थन की आवश्यकता होती है. पाकिस्तान फिलहाल ग्रे लिस्ट में है और वो इससे बाहर आने के लिए बेताब है.
ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश में पाकिस्तान
वहीं, पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश में जुटा है. उसने 88 प्रतिबंधित आतंकी समूहों और हाफिज सईद, मसूद अजहर तथा दाऊद इब्राहिम जैसे समूहों के आकाओं पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए हैं. साथ ही उनकी सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है.
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पाकिस्तान को मिली 4 महीने की राहत
इससे पहले FATF ने कोरोना महामारी को देखते हुए पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट पर फैसला 4 महीने के लिए टाल दिया था. FATF के इस फैसले से पाकिस्तान को चार महीने की अंतरिम राहत मिल गई थी. दरअसल, पेरिस स्थित FATF की जून में बैठक होनी थी. उसमें में यह तय किया जाना था कि क्या पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया जाए या फिर उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाए.
एफएटीएफ ने एक बयान में कहा था कि रिव्यू प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है. मॉनिटरिंग की प्रक्रिया 4 अतिरिक्त महीने के लिए बढ़ा दी गई है. इस प्रकार, एफएटीएफ जून में इनकी समीक्षा नहीं कर रहा. FATF की इस राहत के बाद पाकिस्तान के भविष्य का फैसला अक्टूबर में होगा.