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'सिर्फ कश्मीरी ही करें कश्मीर के भविष्य का फैसला'

विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, ‘कश्मीर के भविष्य पर ऐसा फैसला सिर्फ कश्मीर के लोग सुना सकते हैं, ना कि भारत की विदेश मंत्री.’ मामले में अपने पक्ष को मजबूत बनाने का प्रयास करते हुए अजीज ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कश्मीर के लोगों को इस अधिकार का वादा किया है.

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सरताज अजीज
सरताज अजीज

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भारत के बार-बार चेतावनी देने के बावजूद पाकिस्तान कश्मीर मसले पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. कश्मीर को लेकर चल रहे वाक् युद्ध के बीच पाकिस्तान ने कहा कि कश्मीर के भविष्य को लेकर कोई भी फैसला सिर्फ कश्मीरियों के द्वारा ही किया जाएगा, जबकि नई दिल्ली ने एक दिन पहले ही स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का है और वह कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के दिए गए बयान, ‘पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का है और वह कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा’ पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, ‘कश्मीर के भविष्य पर ऐसा फैसला सिर्फ कश्मीर के लोग सुना सकते हैं, ना कि भारत की विदेश मंत्री.’ मामले में अपने पक्ष को मजबूत बनाने का प्रयास करते हुए अजीज ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कश्मीर के लोगों को इस अधिकार का वादा किया है.

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कश्मीर में हो जनमत संग्रह
उन्होंने कहा, 'वक्त आ गया है कि भारत अब जम्मू-कश्मीर के लोगों को संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जनमत संग्रह के अधिकार का प्रयोग करने दे. एकबार कश्मीर के लोग बहुमत से पाकिस्तान या भारत में शामिल होने का फैसला कर लें. पूरी दुनिया कश्मीरियों के इस फैसले को स्वीकार कर लेगी.’

वानी की हत्या के बाद बिगड़े हालात
सरताज अजीज ने कहा, ‘यहां फिर से भारत इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता है कि भारत अधिकृत कश्मीर में 50 से ज्यादा जगहों पर 2,00,000 से ज्यादा कश्मीरियों ने बुरहान मुजफ्फर वानी के जनाजे की नमाज में हिस्सा लिया था. यह घाटी में कर्फ्यू लगने के बावजूद हुआ और 8 जुलाई, 2016 को वानी की हत्या के 15 दिन बाद अभी भी जारी है.’ उन्होंने कहा, ‘यह नहीं भूलना चाहिए कि जैसा कि एक भारतीय लेखक हमें याद दिलाते हैं, ज्यादा वक्त नहीं हुआ जब ब्रिटिश ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाहियों को विश्वासघाती और आतंकवादी कहा था, क्योंकि उस वक्त भारत को ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा माना जाता था.’

कश्मीर मसले पर हस्तक्षेप करे संयुक्त राष्ट्र
अजीज ने कहा, ‘पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठन से अनुरोध करता है कि वह भारत अधिकृत कश्मीर में मासूम और बेसहारा कश्मीरियों के खिलाफ भारतीय अत्याचार रोकने में अपनी भूमिका निभाएं. यहां तक कि भारत में भी विवेकशील लोगों ने भारत अधिकृत कश्मीर में भारतीय बलों द्वारा की जा रही क्रूरता और आतंक के शासन पर चिंता जताई है.’

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