अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भारत के साथ रक्षा संबंधों के मजबूत बनाने के लिए सोमवार को नई दिल्ली पहुंच चुके हैं. तीन दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे अमेरिकी रक्षामंत्री जेम्स मैटिक का रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वागत किया. मंगलवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई. इस दौरान रक्षामंत्री सीतारमण ने अमेरिकी रक्षामंत्री जेम्स मैटिक के समक्ष पाकिस्तान को मिल रही अमेरिकी सैन्य मदद का मसला जोरशोर से उठाया.
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— MaryKay Loss Carlson (@USAmbIndia) September 26, 2017
वहीं, जनरल मैटिस ने कहा कि अमेरिका भारत का स्थायी भागीदार साबित होगा. अमेरिका की तरह भारत भी आतंकवाद से पीड़ित रहा है. हम आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने के इच्छुक हैं. हम देख रहे हैं कि कई देश आतंकवाद विरोधी अभियान से जु़ड़ रहे हैं. मैटिस का यह भारत दौरा इसलिए बेहद अहम माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है, जब अमेरिका के कोई कैबिनेट मंत्री भारत दौरे पर आए हैं. रक्षामंत्री सीतारमण के साथ प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के बाद जेम्स मैटिस ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य मैरीटाइम एक्सचेंज को बढ़ाना है.
जेम्स मैटिस से बातचीत के दौरान रक्षामंत्री सीतारमण ने पाकिस्तान की मिल रही अमेरिकी सैन्य मदद का मसला उठाया. सीतारमण ने कहा कि भारत लगातार अफगानिस्तान में इमारत, डैम, स्कूल निर्माण करके योगदान कर रहा है. साथ ही अफगान सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है. भारत की ओर से अफगानिस्तान को ये मदद लगातार आगे भी जारी रहेंगी. हम अफगानिस्तान को चिकित्सा मदद भी उपलब्ध कराना जारी रखेंगे. हालांकि उन्होंने अफगानिस्तान में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी की संभावाना से इंकार किया है.
इससे पहले भारत पहुंचे मैटिस ने इंडिया गेट में सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. मैटिक के दौरे में दोनों देशों के बीच उन रक्षा और रणनीतिक फैसलों की समीक्षा की जा सकती है, जिन पर जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सहमति बनी थी. अमेरिकी रक्षा मंत्री मैटिस भारतीय नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. साथ ही वह नई अफगान रणनीति और भारत-प्रशांत क्षेत्र को लेकर चर्चा कर सकते हैं. इसके अलावा भारत को 22 गार्जियन ड्रोन बेचने के समझौते पर मुहर लग सकती है.
मालूम हो कि अमेरिका के दौरे के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने की बात की थी. अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा था कि अमेरिका दक्षिण एशिया में सुरक्षा मजबूत करने के लिए भारत को जरूरी संसाधन एवं तकनीक मुहैया कराएगा. अमेरिका ने भारत को सी गार्जियन यूएवी, अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर और सी-17 परिवहन विमान देने की बात कही थी.
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इससे पहले मैटिस ने कहा कि भारत के साथ रिश्ते मजबूत किए जा रहे हैं, लेकिन किसी दूसरे देश का बहिष्कार करके नहीं. उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने और वहां के बुनियादी ढांचे के निर्माण व विकास में योगदान देने के लिए भारत की तारीफ की.