ब्रिटेन के सीरियस फ्रॉड ऑफिस ( एसएफओ) ने मंगलवार को कोर्ट में इंजीनियरिंग क्षेत्र की कंपनी एल्स्टॉम नेटवर्क यूके के खिलाफ मामला दायर किया है. कंपनी पर आरोप है कि दिल्ली मेट्रो का ठेका हासिल करने के लिए 3 मिलियन यूरो (23,6380,372.20 रुपये) कथित रूप से घूस के तौर पर देने को तैयार थी.
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी. कोर्ट में कंपनी के खिलाफ लगाए गए 6 आरोपों में से दो दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से जुड़े हुए हैं, जबकि शेष अन्य पोलैंड और ट्यूनीशिया में कंपनी की गतिविधियों के बारे में है.
एसएफओ के आरोपों के मुताबिक एल्स्टॉम के निदेशक दिल्ली मेट्रो के एक अधिकारी या अधिकारियों या फिर दूसरे एजेंटों को पैसे देने को तैयार हो गए थे, ताकि 1 अगस्त 2000 से 9 अगस्त 2006 तक के ठेके हासिल किए जा सके.
इन आरोपों में दो उदाहरण स्पष्ट तौर पर दिए गए है. इसमें 19, 895,000 रुपये इंडो यूरोपियन वेंचर्स लिमिटेड के साथ कंसल्टेंसी एग्रीमेंट के तहत दिए जाने थे. जबकि 3,131,600 ग्लोबल किंग टेक्नोलॉजी लिमिटेड के साथ कंसल्टेंसी अवॉर्ड के तहत दिए जाने थे.
एसएफओ के मुताबिक दिल्ली मेट्रो के पहले चरण में ट्रेन कंट्रोल, सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशंस सिस्टम के लिए एल्सटॉम के पक्ष के लिए यह राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाने वाली थी.
गौरतलब है कि ब्रिटेन के कानून के मुताबिक ऐसा करना प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1906 और क्रिमिनल लॉ एक्ट 1977 के सेक्शन 1 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है.
इस बीच शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक भारत को एसएफओ द्वारा लगाए गए आरोपों की जानकारी नहीं है. साथ ही ब्रिटेन की जांच एजेंसी द्वारा इस संबंध में भारत को कोई जानकारी भी नहीं दी गई है.
वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि अगर हमें गृह मंत्रालय या सीबीआई की तरफ से इस संबंध में लिखित तौर पर कुछ मिलता है तो फिर मामले में विचार किया जाएगा.