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देवयानी के वकील ने कहा- जानबूझकर किया गया डिप्लोमैट का अपमान

अमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ बदसलूकी मामले में उनके वकील डेनियल अर्शेक ने कहा कि दुर्व्‍यवहार की घटना को जानबूझकर अंजाम दिया गया. आज तक को दिए अपने एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में डेनियल ने कहा कि अमेरिकी मार्शल को यह जानकारी थी कि देवयानी भारतीय राजनयिक है.

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संगीता रिचर्ड की वजह से ये मामला तूल पकड़ा है
संगीता रिचर्ड की वजह से ये मामला तूल पकड़ा है

अमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ बदसलूकी मामले में उनके वकील डेनियल अर्शेक ने कहा कि दुर्व्‍यवहार की घटना को जानबूझकर अंजाम दिया गया. आज तक को दिए अपने एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में डेनियल ने कहा कि अमेरिकी मार्शल को यह जानकारी थी कि देवयानी भारतीय राजनयिक है.

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ऐसा तो अपराधियों के साथ करते हैं
डेनियल ने अमेरिकी एजेंट्स पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी राजनयिक के साथ किया जाने वाला यह एक असभ्‍य व्‍यवहार है. देवयानी को हथकड़ी लगाई गई और कपड़े उतरवाकर उनकी तलाशी ली गई. वह चाहते तो उन्‍हें सरेंडर करने के लिए कह सकते थे. देवयानी को फोन पर जानकारी दी जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. बल्कि उनके साथ किसी अपराधी की तरह बर्ताव किया गया.
गौरतलब है कि 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी खोबरागड़े को वीजा धोखाधड़ी के आरोपों में सार्वजनिक तौर पर उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वह अपनी बेटी को स्कूल में छोड़ रहीं थीं. 39 वर्षीय भारतीय राजनयिक को सरेआम हथकड़ी पहनाई गयी. जब उन्होंने इसका विरोध किया और बताया कि वह राजदूत हैं, उन्हें इस तरह गिरफ्तार नहीं किया जा सकता तो उनकी दलील को अनसुना किया गया. गिरफ्तारी के बाद उनसे बुरा बर्ताव किया गया. बाद में अदालत में दोषी नहीं होने की दलील देने पर ढाई लाख डॉलर के बांड पर छोड़ा गया.

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डेनियल कहते हैं, 'यकीनन बदसलूकी के वक्‍त यह नहीं सोचा गया कि इसका क्‍या असर होगा. बहरहाल, देवयानी फिलहाल अमेरिका में ही रह कर एक राजदूत के तौर पर अपना काम करना चाहती हैं. उनकी मंशा अभी भारत लौटने की नहीं है. हमारी कोशिश है कि उन पर लगे सभी आरोप खारिज हो जाए. देवयानी को सभी विशेषाधिकार मिलने चाहिए. उन्‍होंने जो भी किया वह राजनयिक होने के विशेषाधिकार कानून के तहत किया है. अब इस बात में भी कोई आशंका नहीं होनी चाहिए कि देवयानी यूएन मिशन में हैं और इस तरह उन्‍हें एक राजनयिक के विशेष अधिकार मिलने में भी परेशानी नहीं होनी चाहिए.'

मिले राजन‍ियक सुरक्षा
डेनियल कहते हैं कि अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी अब संबंध सुधारना चाहते हैं, ऐसे में जरूरी है कि देवयानी को राजनयिक सुरक्षा दी जाए ताकि मामले को खारिज किया जा सके. यह कोई ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला नहीं है और न ही इसमें किसी को बांधकर या कमरे में बंद कर रखा गया. संगीता रिचर्ड को हर सुविधा दी गई. यहां तक कि दिल्‍ली में उसके परिवार को भी कुछ रुपये भेजे गए. 22 जून को संगीता ने कहा कि वह खरीदारी के लिए बाजार जा रही है, जिसके बाद वह नहीं लौटी. संगीता के प्रतिनिधि स्‍थाई वीजा चाहते थे और संगीता की भी शुरू से यही मंशा रही.

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देवयानी ने उससे कहा कि वह इस तरह उससे वीजा की मांग नहीं कर सकती है. वह जल्‍द ही मसले का कोई हल निकालेगी, जिसके बाद संगीता और उसके परिवार ने सरकार और अधिकारियों को मनगढ़ंत कहानी सुनाई. जहां तक बकाया पैसों की बात है तो ऐसा कुछ भी नहीं है.

संगीता की मां नई दिल्‍ली में एक वरिष्‍ठ अमेरिकी राजनयिक के यहां काम करती है. जरूरत पड़ने पर वहां संपर्क किया जाएगा. उम्‍मीद है अमेरिकी स्‍टेट डिपार्टमेंट प्रा‍थमिकताएं तय करते हुए देवयानी से एक राजनयिक के तौर पर व्‍यवहार करेगी ताकि संबंधों को बनाए रखने में सहयोग मिल सके.

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