scorecardresearch
 

देवयानी मसले पर गुस्साया भारत, यूएस राजनयिकों से वापस मांगे आई-कार्ड

न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ बदसलूकी मामले में भारत ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. पहले राहुल गांधी और अब बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया है. इन सबके बीच भारत ने अमेरिकी राजनयिकों के आई-कार्ड वापस मांगे हैं.

Advertisement
X
भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े
भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े

न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ बदसलूकी मामले में भारत ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. पहले राहुल गांधी और अब बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया है. इन सबके बीच भारत ने अमेरिकी राजनयिकों के आई-कार्ड वापस मांगे हैं. समझा जाता है कि सरकार अमेरिकी राजनयिकों को मिलने वाली छूट और लाभों की समीक्षा करना चाहती है. गौरतलब है कि भारत ने पिछले हफ्ते न्यूयार्क में वीजा जालसाजी के आरोपों के तहत वाणिज्य उप महादूत देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी और सार्वजनिक रूप से हथकड़ी पहनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए अमेरिकी राजदूत नैंसी पावेल को तलब किया था और इस संबंध में डिमार्शे जारी किया था.

Advertisement

इस मसले पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए साफ कर दिया कि दिल्ली आए हुए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से कोई मंत्री भी मुलाकात नहीं करेगा. इससे पहले सोमवार को लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन भी इस प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले थे. मोदी ने ट्वीट किया, 'न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक के साथ हुई बदसलूकी पर विरोध जताते हुए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने से इनकार कर दिया.'

प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य जार्ज होल्डिंग (रिपब्लिकन-नॉर्थ कैरोलिना), पेट ओल्सन (रिपब्लिकन-टेक्सास), डेविड श्वीकर्ट (रिपब्लिकन-अरिजोना), रॉबर्ट वुडाल (रिपब्लिकन-अरिजोना) और मेडलीन बोरडालो (डेमोक्रेट-गुआम) शामिल थे.

आपको बता दें कि अमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को पिछले हफ्ते वीजा नियमों में धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद न्यूयॉर्क पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. कस्टडी में उनके कपड़े उतार कर तलाशी ली गई. उन्हें अपराधियों, नशेड़ियों और सेक्स वर्करों के साथ खड़ा किया गया. बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ा गया.

Advertisement
Advertisement