तुर्की में भूकंप की वजह से मची तबाही के बाद सोमवार को भारत ने मानवीय मदद का ऐलान किया था. भारत से वायुसेना के विमानों में राहत सामग्री और एनडीआरएफ टीम भेजी गईं. ऐसे में सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है कि तुर्की जा रहे भारतीय विमान को पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस में एंट्री देने से इनकार कर दिया.
हालांकि, अभी तक भारत या पाकिस्तान की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. वहीं इस मामले में जब भारत में तुर्की के राजदूत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कुछ जानकारी नहीं है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि भारतीय वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान को दूसरा रास्ता चुनना पड़ा क्योंकि पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस के इस्तेमाल की इजाजत देने से मना कर दिया.
हालांकि, इंडियन एयरफोर्स के अधिकारियों ने साफ किया है कि भारतीय विमान तुर्की जाने के लिए पाकिस्तान के आसमान से होकर नहीं गुजरते हैं और भारत ने इसके लिए पाकिस्तान से किसी तरह की इजाजत मांगी ही नहीं थी.
भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया, "हमारे एयरक्राफ्ट स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं करते हैं. हमारे प्लेन यूरोप या पश्चिमी एशिया जाने के लिए गुजरात की तरफ से लंबा वाला रूट लेते हैं."
Indian aircraft with relief goods for Turkey denied airspace by Pakistan.
— Imtiaz Mahmood (@ImtiazMadmood) February 7, 2023
What type of friend has Turkey in Pakistan?
पाकिस्तानी एयरस्पेस से होते हुए तुर्की नहीं जाते भारतीय सेना के विमान
इन खबरों के बीच एक चीज जान लेना काफी जरूरी है. भारत ने अपनी सेना के विमानों को कहीं भेजने के लिए कभी भी पाकिस्तानी एविएशन विभाग से कभी भी अनुमति नहीं मांगी है. यहां तक कि साल 2021 में जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने फिर से कब्जा किया था तो भारतीयों को वहां से निकालने के लिए भारतीय सेना के विमानों ने ईरानी एयरस्पेस का इस्तेमाल किया था.
भारत की मानवीय मदद को लेकर तुर्की ने किया दिल से धन्यवाद
भारत की ओर से तुर्की को दी जाने वाली मानवीय मदद को लेकर तुर्की ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए धन्यवाद कहा है. भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने कहा कि दोस्त तुर्की और हिंदी में एक आम शब्द है. तुर्की में एक कहावत है कि जरूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है. बहुत-बहुत धन्यवाद.
"Dost" is a common word in Turkish and Hindi... We have a Turkish proverb: "Dost kara günde belli olur" (a friend in need is a friend indeed).
— Fırat Sunel फिरात सुनेल فرات صونال (@firatsunel) February 6, 2023
Thank you very much 🇮🇳@narendramodi @PMOIndia @DrSJaishankar @MEAIndia @MOS_MEA #earthquaketurkey https://t.co/nB97RubRJU
सोमवार को लगातार तीन भूकंपों से दहल गया तुर्की
तुर्की के लिए सोमवार का दिन काला साबित हुआ. तुर्की में सुबह, दोपहर और शाम के समय में तीन बड़े भूकंप आए. सोमवार सुबह से ही भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई कि बड़ी-बड़ी इमारतें भी सेकेंडों में जमींदोज हो गईं. भूकंप की चपेट में आकर अब तक 3500 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि हजारों लोग इस तबाही में घायल हुए हैं. 8 हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है, जबकि काफी लोगों को अभी तक भी रेस्क्यू किया जा रहा है.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही भूकंप प्रभावित 10 प्रांतों में तीन महीने के आपातकाल की घोषणा कर दी है. स्कूल और कॉलेजों को भी 13 फरवरी तक बंद कर दिया गया है. जिन इलाकों में तबाही मची है, वहां लोगों से कम बाहर निकलने की अपील की जा रही है.