पाकिस्तान ने दावा किया कि सोमवार को उसने न्यूक्लियर क्षमता वाली मिसाइल बाबर-3 की कामयाब टेस्टिंग की. पर सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की टेस्टिंग वीडियो को लेकर सवाल उठने लगे हैं. फोटोशॉप एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान की ओर से जो इमेज-वीडियो जारी की गई है वो फर्जी है. इस्लामाबाद की ओर से लॉन्चिंग का फेक वीडियो जारी किया गया.
क्यों फेक लग रहा है वीडियो?
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, पठानकोट के सैटेलाइट इमेजरी एनालिस्ट राज ने टेक्निकल सबूत पेश कर साबित करनी की कोशिश की है कि पाकिस्तान की ओर से जारी मिसाइल का वीडियो फर्जी है. इसमें ग्रैफिक्स का इस्तेमाल किया गया है. इसे लेकर @rajfortyseven ट्विटर हैंडल से राज ने कई ट्वीट भी किए हैं. राज का कहना है कि बाबर3, SLCM की जियो लोकेशन में गड़बड़ी सामने आ रही है. Maj Gen Asif Ghafoor पाकिस्तान के मेजर जनरल आसिफ गफूर की ओर से ट्वीट किए गए वीडियो में मिसाइल 8 सेकंड में 15 किमी मूव कर रही है वो भी 6750kmph की रफ्तार से. बता दें कि पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, बाबर 3 की रेंज 450 किमी है.
#Pakistan #SLCM #Babur3 Fake video clip uses CGI. Geo-location coming up shortly. https://t.co/26ysrUQDrc
— RAJ (@rajfortyseven) January 9, 2017
पाक का दावा-
दुश्मन की रडार से बच निकलेगी बाबर-3
सोमवार को पाकिस्तान ने बाबर-3 की कामयाब टेस्टिंग की. यह जमीन से दागी जाने वाली क्रूज मिसाइल (जीएलसीएम) बाबर-2
का एक वर्जन है। बाबर-2 का कामयाब परीक्षण दिसंबर
2016 में किया गया था. रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक बाबर-3 लेटेस्ट तकनीक पर
आधारित मिसाइल है. मिसाइल का प्रोपल्शन पानी के भीतर कंट्रोल किया जा सकता है.
पाकिस्तानी सेना का दावा है कि मिसाइल अत्याधुनिक गाइडेंस और नेविगेशन तकनीक से
लैस है. जमीन से बेहद करीब उड़ पाने की क्षमता के कारण ये मिसाइल एयर डिफेंस और
रडार की पकड़ में आसानी से नहीं आती. पनडुब्बी से लॉन्च किये जाने के चलते बाबर-3
के हमले को रोक पाना बेहद मुश्किल है.