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दो बड़े हादसों के बाद मलेशिया एयरलाइंस बदल सकती है नाम

कुछ महीनों के भीतर दो बड़े विमान हादसों के बाद मलेशिया एयरलाइंस अपना नाम बदलने पर विचार कर रही है. वह अपनी निगेटिव इमेज से चिंतित है.

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मलेशिया एयरलाइंस के विमान एमएच-17 का मलबा
मलेशिया एयरलाइंस के विमान एमएच-17 का मलबा

कुछ महीनों के भीतर दो बड़े विमान हादसों के बाद मलेशिया एयरलाइंस अपना नाम बदलने पर विचार कर रही है. वह अपनी निगेटिव इमेज से चिंतित है.

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी अपनी खोई प्रतिष्ठा वापस लाने के लिए कंपनी में बड़े पैमान पर बदलाव करेगी. कंपनी में बड़ा शेयर सरकार के पास है. हालांकि कंपनी नए निवेशकों की तलाश भी कर रही है.

मार्च में कंपनी का विमान एमएच-370 कुआलालंपुर से बीजिंग जाते समय लापता हो गया. इसमें 239 लोग सवार थे. आज तक इस विमान का पता नहीं चल सका है. इसके बाद जुलाई महीने में एमएच-17 को यूक्रेन के पास मिसाइल से मार गिराया गया, इसमें 298 लोग मारे गए थे.

क्रैश के बाद अगर मलेशिया एयरलाइंस अपना नाम बदलती है तो ऐसा करने वाली पहली एयरलांइस नहीं होगी. इससे पहले भी एक एयरलांइस ने अपना नाम बदला लिया था. अटलांटा की विमानन कंपनी वैल्यू जेट एयरलाइंस को अब एयरट्रान एयरवेज के नाम से जाना जाता है. कंपनी ने 1996 में फ्लोरिडा एवरग्लेड्स में हुए हादसे के बाद अपना नाम बदला था. हादसे में 110 लोग मारे गए थे.

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विमान हादसे जिन्होंने बदली एविएशन इंडस्ट्री

ग्रैंड कैनियन: अमेरिका के ग्रैंड कैनियन के ऊपर टीडब्ल्यूए-2 और यूनाइटेड एयरलाइंस के विमान 718 आपस में आसमान में टकराए. बदलाव: इसके बाद 1958 में फेडरल एविएशन एजेंसी बनाई गई, ताकि हवाई सुरक्षा सुनिश्चित हो.

पोर्टलैंड: 1989 में यूनाइटेड फ्लाइट 173 ओरेगॉन एयरपोर्ट पर एपरॉन से टकराया. 12 से ज्यादा घायल हुए. जांच में पायलट की गलती निकली.
बदलाव: कॉकपिटरिसोर्स मैनेजमेंट का कॉन्सेप्ट लाया गया, ताकि पायलट और क्रू से लगातार बात हो.

सिनसिनाटी: एयर कनाडा की विमान संख्या 797 में काला धुंआ भरने लगा. विमान को तत्काल सिनसिनाटी में उतारा गया. लेकिन आग लगने से 46 की मौत.
बदलाव: तत्काल विमान के टॉयलेट में स्मोक डिटेक्टर्स और ऑटोमैटिक फायर एक्सटिंग्यूशर्स लगाए जाने लगे.

डलास: डेल्टा एयरलाइंस-191 की डलास एयरपोर्ट पर लैडिंग के समय उस पर बिजली गिरी. विमान 800 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरा. 163 में 134 यात्री मारे गए.
बदलाव: नासा/एफएए ने रिसर्च किया. नीचे आते समय मौसम और आसपास की चीजों पर नजर रखने के लिए डाउनड्राफ्ट डिटेक्शन शुरू हुआ.

माउई: अलोहा एयरलाइंस के 19 साल पुराने विमान की छत 24 हजार फीट की ऊंचाई पर उखड़ गई. पायलटों ने मुश्किल से विमान को नीचे उतारा. सिर्फ एक यात्री विमान से हवा में उड़ा और मारा गया.
बदलाव: 1991 में नेशनल एजिंग एयरक्राफ्ट रिसर्च प्रोग्राम बनाया. इसके तहत पुराने विमानों की जांच और निगरानी की जाती है.

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पिट़्सबर्ग: अमेरिकी एयर फ्लाइट 427 के पिछले पंखों का संतुलन बिगड़ गया. विमान 132 लोगों के साथ पांच हजार फीट की ऊंचाई से नीचे गिरा.
बदलाव: बोइंग ने करोड़ों रुपए खर्च करके रिसर्च किया और नई तकनीक बनाई. अमेरिका में एविएशन डिजास्टर फैमिली एसिसटेंस एक्ट बनाया गया.

लॉन्ग आइलैंड: टीडब्ल्यूए की विमान संख्या 800 जेएफके एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद जल गया. यात्रियों के केबिन में आग लग गई थी. 230 यात्री मारे गए थे. कारण था शॉर्ट सर्किट.
बदलाव: 2008 से विमानों में फुल इनर्टिंग सिस्टम लगाया जाने लगा. ईंधन के टैंकों में नाइट्रोजन गैस डाली जाने लगी ताकि आग लगने की संभावना कम हो.

 

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