अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से जाने के बाद तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है. काबुल समेत अन्य प्रांतों की राजधानियों में तालिबानी लड़ाके बंदूक लेकर सड़कों पर घूमते दिखाई दे रहे हैं. शहर के बाहरी चेक पोस्ट्स लेकर अफगानिस्तान के सरकारी कार्यालयों तक में तालिबानी लड़ाके मौजूद हैं. हर तरफ भय का माहौल बन गया है. अफगान के मौजूदा हालातों पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने देश से अमेरिका के वापस जाने के समय को लेकर सवाल खड़े करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन पर निशाना साधा है.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ''मैं अमेरिका के अफगानिस्तान से चले जाने से नाराज नहीं हूं, लेकिन यह वहां से जाने का तरीका नहीं था. जो बाइडन यह आप पर है. आप इसके लिए ट्रंप या किसी और को दोष नहीं दे सकते. अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में आपने अंतिम तिथि निर्धारित की और एक वैक्यूम बनाया. यह आपकी विदेश नीति की विरासत है, कोई गलती न करें.'' अब्दुल्ला ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई नेता अमेरिका के अफगानिस्तान से वापस जाने के तरीको लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं.
अफगानिस्तान में अमेरिका दो दशक तक रहा, जिसके बाद अब उसके तकरीबन सभी सैनिक वापस लौट चुके हैं. हालांकि, अपने नागरिकों को वापस बुलाने के लिए अमेरिका ने कुछ हजार सैनिकों की काबुल एयरपोर्ट और उसके आसपास तैनाती कर रखी है, जिन्हें भी बाद में वापस बुला लिया जाएगा. अमेरिका 9/11 को हुए आतंकी हमले के बाद अफगानिस्तान में घुसा था. वहां वह 20 सालों तक रहा. अमेरिकी सैनिकों की वापसी के फैसले के बाद से ही तालिबान ने अफगान पर कब्जा करना शुरू कर दिया था.
I don’t grudge the US their departure from Afghanistan but this wasn’t the way to leave. @JoeBiden this is on you. You can’t blame Trump or anyone else for this. As @POTUS you set the final date & created a vacuum. This is your foreign policy legacy, make no mistake. https://t.co/t6HrMHzNzw
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 16, 2021
कंधार, मजार-ए-शरीफ, हेरात आदि पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने बीते दिन राजधानी काबुल पर भी कब्जा जमा लिया. वहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रहे अशरफ गनी अंत तक तालिबान से लड़ने की बात कहते रहे और फिर रविवार को वह देश छोड़कर चले गए. वहीं, तालिबान में नई सरकार को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री ने बयान दिया है कि वह अफगानिस्तान में उसी सरकार को मान्यता देगा, जोकि लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगी.