राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी टाइम के मुताबिक मंगलवार रात को यूएस कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को संबोधित करेंगे. उनके दूसरे कार्यकाल का यह पहला संबोधन होगा. इससे पहले ही ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह इस संबोधन में कुछ "बड़े" ऐलान कर सकते हैं. उन्होंने कल सोमवार को ही इसकी घोषणा कर दी थी. भारतीय टाइम के हिसाब से वह आज सुबह 7.30 बजे भाषण दे रहे होंगे.
व्हाइट हाउस ने आधिकारिक तौर पर साफ किया है कि इस संबोधन का थीम "Renewal Of The American Dream," रखा गया है. यह भी बता दें कि ट्रंप का ये भाषण 'स्टेट ऑफ द यूनियन' के तहत नहीं माना जाएगा, क्योंकि यह भाषण आमतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा जनवरी या फरवरी में दिया जाता है. मसलन, ट्रंप द्वारा कांग्रेस को दिया जाने वाला ये एक आम भाषण ही होगा.
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यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस क्या है?
यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस अमेरिका की संघीय सरकार (सेंट्रल गवर्नमेंट) की विधायी शाखा है. आसान भाषा में समझें तो वहां की संसद को यूएस कांग्रेस कहते हैं. इसमें भी भारतीय संसद की तरह दो सदन होते हैं. निचले सदन को यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और उच्च सदन को यूएस सीनेट कहते हैं (भारत में लोकसभा और राज्यसभा). इसकी बैठक वाशिंगटन, डी.सी. में यूनाइटेड स्टेट्स कैपिटल (अमेरिका का संसद भवन) में होती है. सदस्यों को प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से चुना जाता है, हालांकि सीनेट में रिक्तियां गवर्नर की नियुक्ति से भरी जा सकती हैं. यूएस कांग्रेस में कुल 535 वोटिंग मेंबर्स होते हैं, जिसमें 100 सीनेटर और 435 रिप्रेजेंटेटिव्स शामिल हैं. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 6 अतिरिक्त नॉन-वोटिंग मेंबर्स होते हैं.
संबोधन में ट्रंप के 'एडवाइजर' मस्क पर रहेगी नजर!
राष्ट्रपति ट्रंप के संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति जेडी वेन्स और हाउस स्पीकर माइक जॉनसन उनके पीछे वाली सीट पर बैठेंगे. हालांकि, सबकी नजरें एलोन मस्क पर होंगी, जो DOGE के प्रमुख और ट्रंप के सबसे 'सीनियर एडवाइजर' हैं. मस्क अपने काम के लिए जाने जाते हैं और पिछले कुछ सप्ताह में उनके कामों की खूब आलोचना भी हुई है. ऐसे में उनकी मौजूदगी खास मायने रखती है, क्योंकि माना जाता है कि ट्रंप के फैसले में मस्क इफेक्ट शामिल होता है.
ट्रंप ने टैरिफ से छेड़ी ट्रेड वॉर!
डोनाल्ड ट्रंप का यह संबोधन ऐसे समय में हो रहा है जब उनके एक्शन से चीन से लेकर यूरोप तक प्रभावित है. कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाकर उन्होंने पहले ही ट्रेड वॉर छेड़ दी है. इस बीच कनाडा की तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई है, लेकिन ट्रंप ने इसके तुरंत बाद ही स्पष्ट कर दिया कि वह भी तत्काल प्रभाव से टैरिफ का विस्तार कर सकते हैं.
जेलेंस्की के साथ नोंकझोंक, वैश्विक संस्थाएं छोड़ने की वकालत
बीते दिनों ट्रंप की यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ नोंकझोंक हो गई थी, और तब उन्होंने जेलेंस्की को व्हाइट हाउस से निकाल दिया था. नतीजा ये रहा कि वह यूक्रेन से 50 फीसदी रेयर मिनरल हासिल नहीं कर सके, और डील भी फाइनल नहीं हुई. डोनाल्ड ट्रंप रूसी राष्ट्रपति पुतिन को खुले तौर पर समर्थन करते नजर आते हैं.
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ट्रंप यूक्रेन में जंग खत्म करना चाहते थे, और वह इस जंग पर किसी भी तरह लगाम लगाना चाहते थे, और इस दौरान वह पुतिन की खूब तारीफ करते भी नजर आए थे. इनके अलावा, वह NATO, UN जैसी संस्थाओं से भी अमेरिका को बाहर करने की वकालत करते रहे हैं. ऐसे में गौर करने वाली बात होगी कि आखिर ट्रंप अपने संबोधन में क्या-क्या बड़े ऐलान करते हैं.