डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पार्टी रिपब्लिकन को सुझाव दिया है कि वह 'परमाणु-विकल्प' का इस्तेमाल करें, जिसमें 100 सदस्यों वाली सीनेट में 60 की बजाए साधारण बहुमत हासिल करने की जरूरत पड़ती है. यानी ये विकल्प इस्तेमाल करने पर लंबित विधेयक आसानी से पास हो जाएगा और शटडाउन से उबरने में आसानी रहेगी.
दरअसल, प्रस्तावित फंडिंग बिल को पारित करने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी और उस संख्या के मुकाबले 48 सीनेटरों ने बिल के खिलाफ वोटिंग की थी. केवल पांच डेमोक्रेटों ने बिल के पक्ष में मतदान किया था. जिसके बाद ट्रंप ने ये फॉर्मूला दिया है.
क्या है परमाणु विकल्प
अमेरिकी कांग्रेस में परमाणु या संवैधानिक विकल्प बहुत ही कम इस्तेमाल किया गया है. यह एक संसदीय प्रक्रिया है जो अमेरिकी सीनेट को किसी नियम या कानून को बहुमत वोट के जरिए निरस्त करने की इजाजत देती है.
सीनेट के बहुमत नेता मिच मैककॉनेल ने कहा कि हालांकि रिपब्लिकन द्वारा इस विकल्प के इस्तेमाल की संभावना बेहद कम है.
डेमोक्रेट्स से बातचीत जारी
पांच साल में पहली बार ठप्प हुए सरकारी कामकाज को लेकर डेमोक्रेट्स सांसदों से भी बातचीत चल रही है. संघीय सरकार के लाखों कर्मचारी सोमवार से काम पर नहीं लौटेंगे क्योंकि अमेरिकी संसद में संघीय सरकार के खर्चों के लिए धन देने वाला जरूरी विधेयक डेमोक्रेटिक सांसदों के विरोध के चलते पारित नहीं हो सका है.
विधेयक पारित न होने के बाद सरकारी शटडाउन का असर शुक्रवार की मध्यरात्रि से ही शुरू हो गया था. हालांकि, अब तक इसका ज्यादा असर नहीं दिखाई दिया है. लेकिन यह गतिरोध चलता रहा तो इसके काफी गंभीर परिणाम होंगे.
साल 1990 से अमेरिका में चार बार सरकारी कामकाज ठप हो चुके हैं. इससे पहले सरकार का कामकाज 2013 में बंद हुआ था और आठ लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को अस्थाई छुट्टी पर भेजा गया था. अब एक बार फिर अमेरिका में संघीय सरकारी कर्मचारियों पर संकट आ खड़ा हुआ है. जिसमें वहां की सेना भी शामिल है.