डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए शरणार्थी रिसेटलमेंट प्रोग्राम को रद्द कर दिया. साथ ही 27 जनवरी से पहले जिन शरणार्थियों को रिसेटल की मंजूरी दी गई थी, उसे भी ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को रद्द कर दिया है. ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद दुनिया भर की कई जगहों पर हजारों शरणार्थी फंसे हुए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा सोमवार को साइन किए गए आदेशों में निलंबन की बातें कहीं गई हैं. ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से सवाल उठ रहा है कि जिन लोगों को लंबी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अमेरिका जाने की मंजूरी मिली है या मिलने वाली है. या मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका के लिए टिकट बुक करा ली है तो उनकी यात्रा पर असर पड़ सकता है.
AP की रिपोर्ट के अनुसार, शरणार्थी प्रोसेसिंग और आगमन की देखरेख करने वाली अमेरिकी एजेंसी ने स्टाफ और स्टेकहोल्डर्स को बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में शरणार्थियों का आगमन अगली सूचना तक रद्द कर दिया गया है.
16 हजार से अफगानों पर पड़ेगा असर
इस फैसले का असर उन 16 हजार से ज्यादा अफगानों पर भी पड़ेगा, जिन्हें साल 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के बाद रिसेटलमेंट की मंजूरी मिली थी. इनमें अमेरिकी सैनिकों के साथ युद्ध में काम करने वाले सक्रिय ड्यूटी पर मौजूद अमेरिकी सैन्य कर्मियों के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं.
ट्रंप के आदेश में एजेंसी को 27 जनवरी से पहले सभी प्रोसेसिंग और यात्रा को रोकने का समय दिया गया था. हालांकि, अब ऐसा लगता है कि आदेश में समय को आगे बढ़ा दिया गया है. अभी ये तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बदलाव की वजह क्या था.
शरणार्थी उन लोगों से अगल होते हैं जो अमेरिका में शरण लेने के टारगेट से सीधे मेक्सिको बॉर्डर पर आते हैं. रिसेटलमेंट के लिए विचार किए जाने के लिए शरणार्थियों को यू.एस के बाहर रहना चाहिए और आमतौर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा उन्हें विदेश विभाग के पास भेजा जाता है.
वहीं, अमेरिका आने से पहले उन्हें व्यापक जांच से गुजरना पड़ता है. अमेरिका में एक बार आने के बाद उन्हें आमतौर पर एक रिसेटलमेंट एजेंसी के साथ जोड़ा जाता है जो उन्हें अमेरिका में जीवन के साथ तालमेल बिठाने में मदद करती है. इसमें नौकरी ढूंढने और उनके बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने में मदद भी शामिल है.