अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एशिया यात्रा पर हैं. इसी कड़ी में वह बुधवार को चीन पहुंचे हैं. ट्रंप यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. गौरतलब है कि जिनपिंग हाल ही में दोबारा चीन के राष्ट्रपति चुने गए हैं, इस नजरिए से ट्रंप की यात्रा अहम हो जाती है. अमेरिका ने कई मौकों पर नॉर्थ कोरिया की मुश्किल से निपटने के लिए चीन के सहयोग की बात कही है.
दक्षिण कोरिया के दौरे के बाद डोनाल्ड ट्रंप सीधे चीन पहुंचे हैं. दक्षिण कोरिया में ट्रंप ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन को चेतावनी दी. ट्रंप ने किम जोंग-उन से कहा अगर वह अपनी परमाणु हथियारों की महत्वाकांक्षाओं को नहीं छोड़ता तो, उत्तरी कोरिया भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
Leaving South Korea now heading to China. Looking very much forward to meeting and being with President Xi!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 8, 2017
सियोल में नेशनल असेंबली के भाषण में ट्रंप ने कहा, 'हमें कमज़ोर आंकने की गलती ना करें और ना ही आजमाने की कोशिश करें.' बता दें कि ट्रंप के एशियाई दौरे की शुरुआत जापान से की थी. इसके बाद वो साउथ कोरिया पहुंचे. अब चीन के बाद वह वियतनाम और फिलीपींस भी जाएंगे.
टेबल पर बात करने को भी तैयार हैं ट्रंपThe U.S., under my administration, is completely rebuilding its military, and they're spending hundreds of billions of dollars to the newest and finest military equipment anywhere in the world, being built right now. I want peace through strength! pic.twitter.com/2YXkIvRIFi
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 8, 2017
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि नॉर्थ कोरिया टेबल पर बातचीत के लिए आए और न्यूक्लियर हथियारों को लेकर डील करे. उन्होंने कहा था, 'मैं बैठक करूंगा. मैंने इस बारे में नहीं सोचा कि यह ताकत है या कमजोरी, मेरा मानना है कि लोगों के साथ बैठकर बात करने में कुछ गलत नहीं है.