राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रवासियों के लिए अमेरिका में जिस नए व्यवस्था बनाए जाने की बात कर रहे हैं, उससे भारतीय करीब-करीब पूरी तरह से फिट बैठते हैं और ऐसा हुआ तो भारतीयों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी.
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने प्रवासियों के लिए योग्यता आधारित व्यवस्था के बारे में संकेत देते हुए कहा कि वे कुशल, प्रतिभाशाली और अंग्रेजी बोलने वाले प्रवासियों को देश में जगह देना चाहते हैं.
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ऐसा हुआ तो इससे भारत जैसे देशों को फायदा हो सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका आने वाले प्रवासियों की संख्या कम करने के लिए योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली पर जोर दे रहे हैं.
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि योग्यता आधारित प्रवासी व्यवस्था से दुनियाभर के सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली लोग अमेरिका आएंगे जबकि लोगों के लिए गैरकानूनी रूप से देश में आना मुश्किल हो जाएगा. राष्ट्रपति मौजूदा व्यवस्था में सुधार करने के लिए लॉटरी के जरिए दिए जाने वाले वीजा और श्रृंखला प्रवास को खत्म करना चाहते हैं.
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उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि दुनिया के किसी भी हिस्से से लोग आएं, वे इस देश को प्यार करते हों, यहां के लोगों से प्यार करते हों, जो कुशल हों, प्रतिभाशाली हों, जो अंग्रेजी भाषा बोलते हों, जो हमारे मूल्यों और जैसी जिंदगी हम जीते हैं, उसका समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हों."
अधिकारी ने कहा कि ऐसे प्रवासी दुनिया के किसी भी हिस्से से हो सकते हैं, बस वे इन योग्यताओं को पूरा करते हों. अगर ऐसी कोई नीति बनाई और लागू की जाती है तो इससे भारत जैसे देशों को लाभ हो सकता है जिसके ज्यादातर लोग इस मापदंड को पूरा करते हैं.
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अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन अमेरिका के राष्ट्रीय हितों को पूरा करने के लिए आव्रजन प्रणाली में सुधार करना चाहता है. उन्होंने कहा, "हम सभी पृष्ठभूमियों या दुनिया के किसी भी स्थान के व्यक्तियों को अमेरिका में आने देना चाहेंगे लेकिन उनकी योग्यता तथा सफलता की संभावना के आधार पर."
अधिकारी ने बताया कि ऐसे किसी भी विदेशी नागरिक को स्वीकार नहीं किया जाएगा जो आतंकवाद से संबंधित अपराध करें या आतंकवाद का समर्थन करने की साजिश रचें. उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य सभी रूपों में आतंकवाद का खात्मा करना है चाहे वह कहीं से भी पैदा हुआ हो."
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति आवेदक के देश, धर्म और जातीयता पर ध्यान दिए बिना योग्यता आधारित व्यवस्था पर जोर दे रहे हैं. सैंडर्स ने कहा, "वह चाहते हैं कि प्रवासी हर कहीं से आएं लेकिन वह योग्यता आधारित व्यवस्था के जरिए ऐसा करना चाहते हैं."
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "योग्यता आधारित व्यवस्था नस्ल, धर्म या देश पर आधारित नहीं है. यह असल में योग्यता पर आधारित है." सैंडर्स ने कहा कि यह 'अधिक निष्पक्ष व्यवस्था' है और एक साल पहले डेमोक्रेट सदस्यों ने इसका समर्थन किया था.