कभी एक दूसरे को फूटी आंख न सुहाने वाले दुनिया के दो राष्ट्राध्यक्षों का दिल मुलाकात के बाद ऐसा बदल गया है कि अब दुनिया हैरान है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग की मुलाकात के अभी 12 घंटे भी नहीं बीते हैं और दोनों का एक-दूसरे के प्रति नजरिया ही बदल गया.
सिंगापुर में शिखर वार्ता के बाद ट्रंप ने किम को न सिर्फ प्रतिभाशाली कहा, बल्कि ये भी कहा कि उनसे मेरा बेहद खास जुड़ाव बन गया है. किम के बारे में ट्रंप की ऐसी टिप्पणी के बारे में कुछ महीने पहले शायद ही सोचा जा सकता था. कुछ समय पहले तक दोनों नेता एक-दूसरे को न सिर्फ धमकियां देते थे, बल्कि एक-दूसरे का अपमान भी करते थे.
पिछले साल उत्तर कोरिया ने जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धता बताकर कई परमाणु एवं बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था, उस वक्त दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी.
मई 2017 में ट्रंप ने किम को ‘परमाणु हथियारों से लैस पागल आदमी’ करार देते हुए कहा था कि उन्हें कुछ भी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
अगले महीने अमेरिका ने उत्तर कोरिया के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों से जुड़े लोगों एवं संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए थे.
जुलाई 2017 में उत्तर कोरिया ने जापान सागर में लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण किया था. इस मिसाइल के बारे में कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि यह अमेरिका के अलास्का प्रांत तक पहुंचने में सक्षम है. अलास्का उत्तर अमेरिका के सुदूर उत्तर-पश्चिम में है.
पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘उत्तर कोरिया को पूरी तरह बर्बाद करने की धमकी दी थी.’
ट्रंप के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए किम ने अमेरिकी राष्ट्रपति के व्यवहार को ‘मानसिक तौर पर विक्षिप्त’ जैसा करार दिया था और जोर देकर कहा था कि ‘डरा हुआ कुत्ता ज्यादा जोर से भौंकता है.’
नवंबर में राष्ट्रपति ट्रंप ने आधिकारिक तौर पर उत्तर कोरिया को आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित कर दिया था. ट्रंप ने किम को ‘लिटिल रॉकेट मैन’ भी कहा था और उत्तर कोरिया पर ऐसा हमला करने की धमकी दी थी जैसा दुनिया में कभी किसी ने नहीं देखा होगा.
इसके जवाब में किम ने आरोप लगाया कि ट्रंप ‘मानसिक रूप से विक्षिप्त’ और ‘सठियाया’ हुआ है. उत्तर कोरिया ने प्रशांत महासागर स्थित अमेरिकी क्षेत्र गुआम पर हमला करने की भी धमकी दी थी.
सिंगापुर में किम ने उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच रही दुश्मनी की तरफ इशारा करते हुए कहा यहां तक पहुंचना आसान नहीं था.