अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं. कई आपराधिक मामलों में फंसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की ओर से इस पद के प्रमुख दावेदार हैं. गोपनीय सरकारी दस्तावेजों को गैरकानूनी रूप से रखने के आरोप में फंसे ट्रंप के बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें इस मामले में लंबे समय तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है. लेकिन सच्चाई ये है कि इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भी 2024 राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का उनका सपना टूटने वाला नहीं है.
2021 में राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद गैरकानूनी रूप से गोपनीय सरकारी दस्तावेज रखने के आरोपी 77 साल के ट्रंप मंगलवार को मियामी कोर्ट में पेश हुए थे. उन्होंने बकायदा मामले में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. लेकिन जल्द ही उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई.
ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है. पूर्व पोर्नस्टार स्टॉर्मी डेनियल्स मामले में किरकिरी होने के बाद नौ मई को उन पर ई जीन कैरल नाम की एक स्तभंकार ने सिविल केस दायर किया था. कैरल ने ट्रंप पर रेप और उसे सार्वजनिक तौर पर बदनाम करने का आरोप लगाया था ट्रंप ने इन आरोपों से इनकार किया था. इस मामले में कोर्ट ने कैरल के रेप के दावों को नकार दिया था लेकिन यह भी कहा था कि ट्रंप ने उनका उत्पीड़न किया है. इस आरोप में ट्रंप पर 50 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया गया था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
कहा जाता रहा है कि ये तीनों मामले ऐसे हैं कि जो 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में उनकी दावेदारी के लिए अड़चन बन सकते हैं. लेकिन क्या वाकई न्यूयॉर्क या फ्लोरिडा मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भी वह अमेरिका के राष्ट्रपति बन सकते हैं? इसका जवाब देते हुए एक्सपर्ट्स ने कहा कि ऐसा मुमकिन है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनमें से किसी भी आरोप में ट्रंप को दोषी ठहराए जाने के बाद भी ट्रंप को राष्ट्रपति बनने से रोका नहीं जा सकता. किसी भी मामले में सुनवाई में महीनों का समय लगेगा और ट्रंप तब तक आराम से प्रचार-प्रसार कर सकते हैं.
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के लॉ प्रोफेसर रिचर्ड हासेन का कहना है कि दोषी ठहराए जाने के बाद भी कोई भी ट्रंप को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकता.
क्या कहता है अमेरिका का संविधान?
अमेरिका के संविधान में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए किसी भी उम्मीदवार में तीन योग्यताओं का होना अनिवार्य है. पहला उम्मीदवार अमेरिका का नागरिक होना चाहिए. उसकी उम्र कम से कम 35 साल हो और और वह 14 सालों से अमेरिका में रह रहा हो.
ऐसे कई संवैधानिक बाधाएं हैं, जिनसे किसी भी शख्स को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है लेकिन वे ट्रंप पर लागू नहीं होते. आयोवा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेरेक मुलर का कहना है कि अगर किसी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराया जाता है तो वह वोट नहीं डाल सकता. लेकिन वह चुनाव लड़ सकता है.
ट्रम्प के घर पर मिले थे 100 क्लासिफाइड दस्तावेज
पिछले साल डोनाल्ड ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित मार ए लागो रिसॉर्ट पर FBI ने रेड डाली दी थी. इस दौरान करीब 11000 दस्तावेज सीज किए गए थे. इनमें करीब 100 क्लासिफाइड दस्तावेज थे. इनमें से कुछ टॉप सीक्रेट बताए गए थे. इतना ही नहीं जांच एजेंसियों ने दावा किया था कि उन्हें ट्रम्प की एक रिकॉर्डिंग मिली है, जिसमें उन्होंने जनवरी 2021 में व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद क्लासिफाइड दस्तावेज रखने की बात स्वीकार की थी. अमेरिका में राष्ट्रपति समेत किसी भी अधिकारी द्वारा अनधिकृत स्थान पर क्लासिफाइड दस्तावेज रखना अमेरिकी कानून के खिलाफ है. ऐसे में ट्रम्प पर सरकारी सीक्रेट को अवैध रूप से रखने, न्याय में बाधा डालने और साजिश रचने का भी आरोप है.
क्या होते हैं Classified documents?
द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, गोपनीय दस्तावेज (Classified documents) उन्हें कहा जाता है, जिनमें संवेदनशील जानकारी हो और इनके सबके सामने आने से अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचने के खतरे की आशंका रहती है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका में इस तरह से गोपनीय दस्तावेज संरक्षित किए जा रहे हैं. गोपनीय जानकारी में कागजी दस्तावेज, ईमेल, फोटोग्राफ, मानचित्र, चित्र, डेटाबेस और हार्ड ड्राइव शामिल हो सकते हैं. माध्यम चाहे जो भी हो, लेकिन ये जानकारी अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी अहम मानी जाती है. इन दस्तावेजों तक सिर्फ अधिकृत अधिकारियों की पहुंच होती है. अमेरिका में इन्हें तीन श्रेणियों में रखा गया है.
गोपनीय दस्तावेज के मामले में क्या हो सकती है कार्रवाई?
अमेरिका में जासूसी अधिनियम समेत कई ऐसे कानून हैं, जिनके तहत Classified documents को हटाना, नष्ट करना, या खुलासा करना अपराध की श्रेणी में आता है. अमेरिका में इन मामलों में दोषी पाए जाने पर 3 साल से 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.