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तालिबान से समझौते पर बोले डोनाल्ड ट्रंप- अगर गड़बड़ हुई तो इतनी सेना भेजूंगा कि...

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वो जल्द ही तालिबानी नेताओं से मुलाकात करेंगे. समझौते को लेकर ट्रंप ने कहा कि अगर कोई गड़बड़ हुई तो वो अफगानिस्तान में फिर सेना भेज देंगे.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

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  • तालिबान समझौते पर डोनाल्ड ट्रंप का बयान
  • गड़बड़ हुई तो फिर भेज देंगे सेना: US प्रेसिडेंट
  • 14 महीने में सेना वापस बुलाएगा अमेरिका

बातचीत के लंबे दौर के बाद अमेरिका और तालिबान के बीच आखिरकार समझौता हो ही गया है. दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में शांति के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया और अब अमेरिका अपनी सेना को वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू करेगा. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किसी भी तरह की स्थिति को लेकर चेताया है. ट्रंप बोले कि अगर कुछ गलत हुआ तो वो वापस इतनी सेना भेजेंगे कि कोई सोच भी नहीं पाएगा.

वॉशिंगटन में मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बोले कि वो जल्द ही तालिबानी नेताओं से मुलाकात करेंगे, ये ऐतिहासिक मौका है. बता दें कि इस वक्त अफगानिस्तान में अमेरिका के 13 हजार से अधिक जवान हैं, अमेरिका पिछले करीब 18 साल से वहां पर लड़ाई लड़ रहा है.

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साथ ही साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘अगर वहां कुछ गलत हुआ, तो हम वापस जाएंगे. मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हम वापस जाएंगे और पूरी ताकत से वापस जाएंगे. जो कभी किसी ने कल्पना नहीं की होगी, लेकिन मैं समझता हूं कि इसकी जरूरत नहीं होगी. ऐसी ही मैं उम्मीद करता हूं’.

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि तालिबानी नेताओं से जल्द ही वो मुलाकात करेंगे, जल्द ही तालिबान हमारे साथ मिलकर आतंकवादियों को मारेंगे. वो जल्द ही हमारी लड़ाई में शामिल होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति बोले कि अफगानिस्तान में हमें शानदार सफलता मिली है, लेकिन अब वक्त है जब हम अपने लोगों को वापस लाएं.

इसे पढ़ें: समझौते में रोड़ा, अफगान राष्ट्रपति ने 5 हजार तालिबानी कैदियों की रिहाई से किया इनकार

तालिबान के साथ हुए समझौते की जानकारी देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि तालिबान के साथ जो समझौता हुआ है, उसके तहत हम 14 महीने में अपनी सेना को वापस बुला लेंगे. गौरतलब है कि अमेरिका और तालिबान के नेताओं ने कतर के दोहा में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए, इस दौरान भारत समेत दुनिया के कई देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे थे.

गौरतलब है कि अमेरिका में होने वाले इस साल राष्ट्रपति चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप इस समझौते को बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं. साथ ही अपने चुनाव प्रचार में इसका डंका पीट रहे हैं.

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