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रिपब्लिकन पार्टी की लोकप्रियता में रिकॉर्ड गिरावट, ओबामा का जलवा बरकरार

डेमोक्रेट्स की बात की जाए तो वहां सबसे लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हैं,  जिन्हें 18 प्रतिशत डेमोक्रेट ने अपनी पहली पसंद बताया है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बराक ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बराक ओबामा

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अमेरिका में भले ही रिपब्लिकन पार्टी की सरकार हो और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हों, मगर पार्टी के साथ उनकी अपनी स्वीकार्यता में काफी गिरावट आई है. ये जानकारी सीएनएन के एक सर्वे में सामने आई है.

इतना ही नहीं, रिपब्लिकन पार्टी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब उसकी 'स्वीकार्यता दर' में इतनी गिरावट दर्ज की गई है. सर्वे के अनुसार, 10 में से केवल तीन अमेरिकियों ने ही पार्टी के पक्ष में अपना समर्थन जताया है.

इससे पहले पार्टी की सबसे कम लोकप्रियता अक्टूबर 2013 में दर्ज की गई थी. उस वक्त पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के स्वास्थ्य देखभाल कानून का विरोध करने पर उसकी स्वीकार्यता घटी थी.

दिसंबर 1998 में प्रतिनिधि सभा की ओर से पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग के लिए दो अनुच्छेदों को मंजूरी देने की वजह से भी रिपब्लिकन पार्टी की स्वीकार्यता घटी थी. दोनों बार पार्टी की लोकप्रियता 30 प्रतिशत थी. जबकि इस बार ये 29 प्रतिशत पहुंच गई है.

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पार्टी नेतृत्व को लेकर भी गिरावट

सिर्फ रिपब्लिकन पार्टी की स्वीकार्यता में ही कमी नहीं आई है, बल्कि उसके नेतृत्व पर भी लोगों का भरोसा कम हुआ है. सर्वे के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व की लोकप्रियता में 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.

ओबामा का जलवा बरकरार

सर्वे में ये बात भी सामने आई है कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने एकमात्र नेता के रूप में देखते हैं. वहीं डेमोक्रेट्स की बात की जाए तो वहां सबसे लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हैं,  जिन्हें 18 प्रतिशत डेमोक्रेट ने अपनी पहली पसंद बताया है.

दोनों पार्टियों के असंतुष्टों की संख्या बढ़ी

सर्वे के अनुसार, इस बीच रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों से असंतुष्टों के प्रतिशत में इजाफा हुआ है. 10 अमेरिकियों में से लगभग 6 यानी 59 प्रतिशत लोग दोनों पार्टियों से असंतुष्ट हैं. वहीं केवल 23 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वो केवल एक पार्टी से नाराज हैं.

सीएनएन ने यह सर्वे 17 से 20 सितंबर के बीच 1053 युवाओं पर किया. इन युवाओं से पर ये सर्वे टेलीफोन के जरिए रैंडम नेशनल सैंपल के आधार पर किया गया है. सीएनएन साल 1992 से इस मुद्दे पार्टियों की स्वीकार्यता पर सर्वे करा रहा है.

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